ईशा कोप्पिकर: आइटम नंबर से राजनीति तक का सफर

ईशा कोप्पिकर का फिल्मी सफर
बॉलीवुड में कई ऐसे सितारे हैं जिन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की है। कुछ को सफलता जल्दी मिली, जबकि अन्य को संघर्ष करना पड़ा। आज हम एक ऐसी अभिनेत्री के बारे में चर्चा करेंगे, जिन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान आइटम नंबर से बनाई और बाद में राजनीति में कदम रखा। हम बात कर रहे हैं ईशा कोप्पिकर की, जो 19 सितंबर को अपना 48वां जन्मदिन मनाने जा रही हैं। इस खास मौके पर हम उनके जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातें साझा करेंगे।
फिल्मों में कदम कैसे रखा?
ईशा का जन्म मुंबई के माहिम में हुआ। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत मॉडलिंग से की और 1995 में मिस इंडिया प्रतियोगिता में भाग लिया, जहां उन्होंने मिस टैलेंट का खिताब जीता। इसके बाद, उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा और तमिल फिल्म 'चंद्रलेखा' से अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने तेलुगु फिल्मों में भी काम किया। 2000 में, ईशा ने बॉलीवुड में 'फिजा' फिल्म से कदम रखा, लेकिन इस फिल्म से उन्हें खास पहचान नहीं मिली।
एक गाने ने बदल दी किस्मत
ईशा को असली पहचान राम गोपाल वर्मा की फिल्म 'कंपनी' के 'खल्लास' गाने से मिली। यह गाना सुपरहिट रहा और इसके बाद से ईशा को 'खल्लास गर्ल' के नाम से जाना जाने लगा। उन्होंने 'सलाम ए इश्क', '36 चाइना टाउन', 'क्या कूल हैं हम', 'एक विवाह ऐसा भी' और 'कृष्णा कोटेज' जैसी कई फिल्मों में काम किया, लेकिन उनकी असली पहचान 'खल्लास' गाने से ही बनी।
राजनीति में कदम
फिल्मों के बाद, ईशा ने राजनीति में भी अपनी किस्मत आजमाई। 2019 में, उन्हें नितिन गडकरी द्वारा भाजपा में शामिल किया गया और भाजपा की महिला परिवहन शाखा की कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। इस तरह, उन्होंने फिल्म और राजनीति दोनों क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई। वर्तमान में, ईशा कोप्पिकर फिल्म और राजनीति दोनों से दूर हैं।