उड़ीसा में बंदरों की अद्भुत एकता: मगरमच्छ के हमले के दौरान साथी को बचाने की कोशिश
जंगली जानवरों की एकता का अनोखा उदाहरण
केंद्रपाड़ा। उड़ीसा के केंद्रपाड़ा ज़िले में जंगली जानवरों के बीच एकता का एक दिल को छू लेने वाला दृश्य सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसने स्थानीय लोगों को हैरान और प्रेरित किया है। महानदी की एक सहायक नदी, खारीनासी नाले में एक मगरमच्छ ने एक बंदर पर हमला किया और उसे पानी में खींच लिया। यह देखकर, अन्य बंदर तुरंत नदी में कूद पड़े। अपने साथी को बचाने के लिए, उन्होंने पानी में उतरकर दूसरी ओर तैरने का प्रयास किया। स्थानीय निवासियों ने बताया कि हालांकि वे अपने साथी को मगरमच्छ से नहीं बचा सके, फिर भी उन्होंने एकता और भाईचारे का अद्भुत उदाहरण पेश किया। इस घटना को किसी व्यक्ति ने अपने मोबाइल फोन से रिकॉर्ड कर लिया, जो अब वायरल हो गया है।
ओडिशा से आया यह वीडियो देखिए
मगरमच्छ ने एक बंदर को जकड़ लिया। ऐसे में कई बंदर अपने साथी को बचाने के लिए नदी में कूद पड़े।
ये वीडियो दिखाता है कि जानवर मनुष्यों की तुलना में एक-दूसरे के साथ अधिक खड़े दिखाई देते हैं। pic.twitter.com/FcAR7CodoY
— Govind Pratap Singh | GPS (@govindprataps12) December 28, 2025
मगरमच्छ के हमले के बाद, पूरा बंदर समूह अपने साथी को बचाने के लिए जान पर खेल गया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो ने लोगों की आंखों में आंसू ला दिए हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि एक मगरमच्छ ने अचानक एक बंदर पर हमला कर दिया। इस हमले के बाद, अन्य बंदरों ने बिना समय गंवाए नदी में कूदने का निर्णय लिया। दर्जनों बंदर जान की परवाह किए बिना मगरमच्छ की ओर बढ़े और अपने साथी को बचाने की कोशिश की। पानी में संघर्ष और शोर के बीच यह दृश्य किसी फिल्म के दृश्य से कम नहीं था।
इस वीडियो ने यह साबित कर दिया कि जानवरों में एकजुटता और साहस का एक अनोखा बंधन होता है। जब इंसान अक्सर संकट के समय एक-दूसरे को छोड़ देते हैं, इस घटना ने इलाके में व्यापक चर्चा को जन्म दिया है। कई लोगों का मानना है कि बंदरों की सामूहिक बहादुरी एकजुटता, बलिदान और कठिनाइयों के खिलाफ एक साथ खड़े होने की प्रेरणा देती है।
वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार, बंदरों में मजबूत सामाजिक बंधन होता है। जब समूह का कोई सदस्य संकट में होता है, तो अन्य सदस्य उसे बचाने के लिए जोखिम उठाते हैं। यही कारण है कि यह वीडियो केवल एक वन्य घटना नहीं, बल्कि प्रकृति से मिलने वाला एक महत्वपूर्ण सबक बन गया है।

