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उत्तर प्रदेश में बिजली दरों पर असर डालने वाला नया टैरिफ

उत्तर प्रदेश में पावर ट्रांसमिशन लाइनों पर होने वाले खर्च का असर बिजली दरों पर पड़ सकता है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने नए टैरिफ की घोषणा की है, जिससे पावर कॉरपोरेशन पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे आने वाले समय में बिजली दरों में वृद्धि हो सकती है। रेलवे और एनपीसीएल जैसी कंपनियों का योगदान भी इस स्थिति को प्रभावित करेगा। जानें इस नए टैरिफ के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।
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बिजली दरों पर प्रभाव

उत्तर प्रदेश में पावर ट्रांसमिशन लाइनों पर होने वाले खर्च का प्रभाव बिजली की दरों पर पड़ सकता है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने 2025-26 के लिए पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन और यूपीएसएलडीसी के नए टैरिफ की घोषणा की है। इस नए टैरिफ से ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन की आय में वृद्धि होगी, लेकिन इसके साथ ही पावर कॉरपोरेशन पर भारी वित्तीय बोझ भी आएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव का सीधा असर बिजली दरों में बढ़ोतरी के रूप में देखा जा सकता है।


पावर कॉरपोरेशन पर वित्तीय दबाव

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अनुसार, ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन को लाभांश के रूप में 2 प्रतिशत की जगह अब 14.50 प्रतिशत देने का निर्णय लिया गया है। इससे पावर कॉरपोरेशन पर लगभग 1000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ने का अनुमान है। यह न केवल पावर कॉरपोरेशन की वित्तीय स्थिति को प्रभावित करेगा, बल्कि उपभोक्ताओं को भी बिजली दरों में वृद्धि का सामना करना पड़ सकता है।


रेलवे और एनपीसीएल का योगदान

हालांकि, इस नए टैरिफ के बाद पूरी जिम्मेदारी पावर कॉरपोरेशन पर नहीं आएगी। रेलवे और एनपीसीएल जैसी बड़ी कंपनियां भी ट्रांसमिशन की लागत का एक हिस्सा उठाएंगी। उदाहरण के लिए, रेलवे लगभग 438 मेगावॉट बिजली ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन के माध्यम से प्राप्त करता है, जबकि एनपीसीएल को 751 मेगावॉट बिजली की आपूर्ति होती है। इन कंपनियों से ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन को लगभग 400 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी, जो वित्तीय दबाव को कुछ हद तक कम कर सकती है।


नए टैरिफ की संरचना

नए टैरिफ के अनुसार, पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन अब बिजली कंपनियों और भारतीय रेल से प्रति यूनिट के बजाय प्रति मेगावॉट मासिक शुल्क लेगा। इसका अर्थ है कि ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन को अब प्रत्येक मेगावॉट के लिए 2.13 लाख रुपये प्रति माह प्राप्त होंगे। इस बदलाव से पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन की आय में वृद्धि होने की संभावना है।


पावर कॉरपोरेशन का बढ़ा हुआ लाभांश

नए टैरिफ आदेश के तहत पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन को 14.50 प्रतिशत लाभांश देने का निर्णय लिया गया है, जबकि पहले यह 2 प्रतिशत था। इससे पावर कॉरपोरेशन पर लगभग 1,797 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। पहले यह राशि केवल 247 करोड़ रुपये थी, लेकिन अब यह कई गुना बढ़ गई है।


एआरआर में कमी

ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ने अपनी वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) में लगभग 6,279 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया था, जिसमें से 800 करोड़ रुपये की कटौती की गई है। अब, नियामक आयोग ने केवल 5,442 करोड़ रुपये की अनुमोदन राशि दी है। इसके अलावा, यूपीएसएलडीसी का शुल्क भी तय किया गया है। यूपीएसएलडीसी ने 2025-26 के लिए 776 रुपये प्रति मेगावॉट प्रति माह शुल्क का प्रस्ताव दिया था, जिसे आयोग ने 678.09 रुपये प्रति मेगावॉट प्रति माह अनुमोदित किया है।