उत्तराखंड में मूसलधार बारिश से भूस्खलन: चार धाम यात्रा पर पड़ा असर

उत्तराखंड में बारिश का कहर
Uttarakhand Landslide: उत्तराखंड में हो रही लगातार मूसलधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। भूस्खलन और बाढ़ के कारण चार धाम यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है, जिससे हजारों श्रद्धालु और पर्यटक प्रभावित हुए हैं। सड़कों के क्षतिग्रस्त होने और कई क्षेत्रों में संचार व्यवस्था ठप होने से राज्य के लगभग 40,000 गांवों का संपर्क टूट गया है। प्रशासन ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं, लेकिन मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों ने इन प्रयासों को कठिन बना दिया है। स्थानीय लोगों और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने सभी को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है।
चार धाम यात्रा पर प्रभाव
चार धाम यात्रा पर पड़ा असर
बारिश और भूस्खलन के चलते तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चार धाम यात्रा को 24 घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया है। अधिकारियों ने प्रतिकूल मौसम के बीच श्रद्धालुओं को हरिद्वार, ऋषिकेश, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, सोनप्रयाग और विकासनगर में रोकने के निर्देश दिए हैं।
गांवों का संपर्क टूटा
गांवों का संपर्क टूटा, संचार व्यवस्था ठप
उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति और भी गंभीर है। भारी बारिश के कारण सड़कें और पुल बह गए हैं, जिससे लगभग 40,000 गांवों का संपर्क राज्य के अन्य हिस्सों से कट गया है। कई क्षेत्रों में बिजली और टेलीफोन सेवाएं भी ठप हो गई हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, "हमारे गांव में पिछले दो दिनों से बिजली नहीं है, और बाहर की खबरें भी नहीं मिल रही हैं।" प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद लेना शुरू कर दिया है।
राहत कार्यों में चुनौतियां
राहत और बचाव कार्य में चुनौतियां
राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन टीमें राहत कार्यों में जुटी हैं, लेकिन बारिश और भूस्खलन ने इन प्रयासों को और जटिल बना दिया है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को निकालने में लगी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, "हमारी प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा और राहत कार्यों को तेज करना है।" मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिसके कारण प्रशासन को और सतर्क रहने की आवश्यकता है।