एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 का हादसा: टेकऑफ के बाद की गंभीर स्थिति

एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 का दुर्घटना विवरण
एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171: टेकऑफ के 33 सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त होने वाली इस फ्लाइट ने पूरे देश को झकझोर दिया है। सोशल मीडिया पर दो वीडियो सामने आए हैं, जिनमें हादसे से पहले की स्थिति को देखा जा सकता है। इन वीडियो को देखकर एविएशन विशेषज्ञों और पायलटों ने कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं।
वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि विमान टेकऑफ के बाद लैंडिंग गियर खुले रहे। एयर सेफ्टी विशेषज्ञ कैप्टन अमित सिंह के अनुसार, 'टेकऑफ के 5 सेकंड के भीतर पायलट को लैंडिंग गियर बंद कर देना चाहिए। जब विमान ऊँचाई पर चढ़ता है और पॉजिटिव रेट ऑफ क्लाइंब प्राप्त करता है, तभी गियर को रिट्रैक्ट किया जाता है।' कैप्टन मनोज हाथी ने भी कहा कि 'अगर पायलट किसी आपात स्थिति में व्यस्त हो जाए, तो वह गियर बंद करना भूल सकता है।'
क्या इंजन में तकनीकी समस्या थी?
क्या हुआ था इंजन फेल?
DGCA के अनुसार, टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद पायलटों ने 'मेडे' कॉल दी थी, जो दर्शाता है कि कोई गंभीर तकनीकी संकट उत्पन्न हुआ था। कैप्टन अमित सिंह ने बताया कि 'यदि दोनों इंजन फेल हो गए हों या उनमें पावर लॉस हुआ हो, तो विमान की गति नहीं बन पाई होगी, जिससे वह ग्लाइड करते हुए नीचे गिरा।'
इंजन फेल होने का कारण बर्ड हिट या ईंधन में मिलावट भी हो सकता है। विशेषज्ञों ने कहा कि विमान के पीछे धूल का गुबार दिखाई दे रहा था, जो इंजन की पावर में कमी का संकेत देता है।
फ्लैप्स की स्थिति पर सवाल
क्या फ्लैप्स सही स्थिति में नहीं थे?
फ्लैप्स टेकऑफ के समय विंग पर लिफ्ट बढ़ाने के लिए नीचे किए जाते हैं। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि वीडियो में फ्लैप्स नीचे नहीं दिखे, जो सामान्य प्रक्रिया के खिलाफ है। हालांकि, कुछ ने फ्लैप्स को सक्रिय बताया है। कैप्टन सिंह के अनुसार, 'पायलटों ने विमान को क्रैश से बचाने के लिए नोज ऊपर खींचा ताकि घनी आबादी में गिरने से बचा जा सके। लेकिन इससे एयरस्पीड और कम हो गई और विमान स्टॉल कर गया।'
ICAO के दिशा-निर्देशों के अनुसार, इस हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट 30 दिनों के भीतर और अंतिम रिपोर्ट एक वर्ष के भीतर सार्वजनिक की जाएगी।