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कबीर खान ने 'बजरंगी भाईजान' के विवादास्पद सीन पर खोला राज

निर्देशक कबीर खान ने अपनी फिल्म 'बजरंगी भाईजान' के एक विवादास्पद सीन के बारे में खुलासा किया है, जिसमें केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने एक महत्वपूर्ण संवाद को हटाने की कोशिश की थी। कबीर ने इस पर कड़ा विरोध किया और बताया कि यह सीन एकता और मानवता का संदेश देता है। फिल्म की रिलीज के बाद दर्शकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया ने साबित किया कि उनका निर्णय सही था। जानें इस दिलचस्प किस्से के बारे में और कबीर खान के दृष्टिकोण को।
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कबीर खान ने 'बजरंगी भाईजान' के विवादास्पद सीन पर खोला राज

निर्देशक का खुलासा

कबीर खान, जो कि 'बजरंगी भाईजान' के निर्देशक हैं, ने हाल ही में फिल्म के एक महत्वपूर्ण दृश्य को लेकर एक दिलचस्प किस्सा साझा किया है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) ने उस सीन को हटाने की कोशिश की थी, जिसमें दिवंगत अभिनेता ओम पुरी द्वारा निभाए गए पाकिस्तानी मौलवी का किरदार, सलमान खान के 'पवन' को 'जय श्री राम' कहकर विदा करता है। CBFC का मानना था कि यह संवाद मुस्लिम दर्शकों के लिए आपत्तिजनक हो सकता है।


कबीर खान ने एक साक्षात्कार में कहा, “CBFC ने कहा था कि यदि एक पाकिस्तानी मौलवी 'जय श्री राम' कहता है, तो मुसलमान इसे पसंद नहीं करेंगे।” इस पर कबीर ने विरोध किया और बोर्ड को बताया कि वह खुद भी मुस्लिम हैं और उन्हें इस संवाद से कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने दृढ़ता से कहा, “मेरा नाम क्या है? मुझे इसमें कोई आपत्ति नहीं है।”


कबीर खान ने इस सीन को फिल्म से हटाने के बजाय उसे बनाए रखने के लिए संघर्ष किया। उनका मानना था कि यह सीन धर्म या राजनीति से परे, एकता और मानवता का संदेश देता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि फिल्म में जो कुछ भी दिखाया गया है, वह दर्शकों को पसंद आया।


कबीर खान ने उस पल को याद करते हुए कहा कि जब फिल्म रिलीज़ हुई और उन्होंने मुंबई के गेयटी गैलेक्सी सिनेमा हॉल में पहला शो देखा, तो वहां मौजूद मुस्लिम दर्शक, जो ज्यादातर श्रमिक थे, उस सीन पर तालियों से गूंज उठे। उन्होंने कहा, “यह सबसे स्पष्ट संकेत था कि जो लोग भी संदेह कर रहे थे, वे गलत थे।” दर्शकों की इस प्रतिक्रिया ने साबित कर दिया कि कबीर खान का फैसला सही था और यह सीन फिल्म के दिल को छूने वाले संदेश का एक अभिन्न अंग बन गया।