Newzfatafatlogo

कमल राशिद खान को कोर्ट ने वाशु भगनानी के खिलाफ मानहानिकारक सामग्री पोस्ट करने से रोका

मुंबई की सिटी सिविल कोर्ट ने अभिनेता कमल राशिद खान को फिल्म निर्माता वाशु भगनानी के खिलाफ मानहानिकारक सामग्री प्रकाशित करने से रोकने का आदेश दिया है। यह आदेश तब तक प्रभावी रहेगा जब तक दोनों पक्षों के बीच चल रहे मानहानि मामले का अंतिम निर्णय नहीं हो जाता। कोर्ट ने कहा कि ऐसी पोस्ट किसी व्यक्ति की छवि को नुकसान पहुंचा सकती हैं। जानें इस कानूनी विवाद की पूरी कहानी और कोर्ट की टिप्पणियों के बारे में।
 | 
कमल राशिद खान को कोर्ट ने वाशु भगनानी के खिलाफ मानहानिकारक सामग्री पोस्ट करने से रोका

कोर्ट का महत्वपूर्ण आदेश


मुंबई की सिटी सिविल कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में अभिनेता और सोशल मीडिया टिप्पणीकार कमल राशिद खान को फिल्म निर्माता वाशु भगनानी के खिलाफ किसी भी प्रकार की मानहानिकारक सामग्री प्रकाशित करने से रोकने का आदेश दिया है। यह आदेश तब तक प्रभावी रहेगा जब तक दोनों पक्षों के बीच चल रहे मानहानि मामले का अंतिम निर्णय नहीं हो जाता। अदालत का मानना है कि ऐसी पोस्ट किसी व्यक्ति की छवि और व्यक्तिगत अधिकारों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।


कानूनी विवाद की पृष्ठभूमि

यह कानूनी विवाद 2021 में शुरू हुआ, जब वाशु भगनानी ने कमल राशिद खान के खिलाफ अदालत में याचिका दायर की। भगनानी ने आरोप लगाया कि खान ने सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उनके खिलाफ अपमानजनक और बदनाम करने वाली बातें लिखी हैं। इन पोस्टों के कारण उनकी सामाजिक छवि और पेशेवर प्रतिष्ठा को नुकसान हुआ। इसी आधार पर उन्होंने अदालत से हस्तक्षेप की मांग की।


कोर्ट में की गई मांगें

भगनानी ने अदालत से अनुरोध किया कि जब तक मामला लंबित है, तब तक कमल राशिद खान को इस प्रकार की सामग्री प्रकाशित करने से रोका जाए। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी मांग की कि खान को लिखित रूप से बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश दिया जाए। भगनानी का कहना था कि खान की लगातार पोस्ट उनके लिए मानसिक तनाव और सामाजिक नुकसान का कारण बन रही हैं।


कोर्ट की टिप्पणी

सिटी सिविल कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि पहली नजर में यह प्रतीत होता है कि प्रतिवादी द्वारा की गई टिप्पणियां वादी के निजता के अधिकार को प्रभावित करती हैं। अदालत के अनुसार, किसी भी व्यक्ति की प्रतिष्ठा की रक्षा करना न्याय व्यवस्था की जिम्मेदारी है। कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक मंच का उपयोग करके निजी राय के नाम पर किसी की छवि को नुकसान नहीं पहुंचा सकता। इसी आधार पर अदालत ने अंतरिम रोक लगाने का निर्णय लिया।


हालांकि, अदालत ने कमल राशिद खान को बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश देने से फिलहाल इनकार कर दिया। अदालत का कहना है कि माफी से संबंधित प्रश्न मुकदमे के अंतिम चरण में उपलब्ध सबूतों और तथ्यों के आधार पर तय किया जाएगा। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि इस पहलू पर अभी कोई अंतिम राय बनाना उचित नहीं होगा। इसलिए इस मांग को खुले रखा गया है।