कलेसर नेशनल पार्क में एआई सिस्टम की स्थापना से सुरक्षा में होगी वृद्धि
कलेसर एआई सिस्टम: वन्य जीवों की निगरानी में नई तकनीक
कलेसर जंगल में एआई सिस्टम की स्थापना से वन्य जीवों की गतिविधियों की निगरानी, घुसपैठ पर सतर्कता और जंगल की सुरक्षा को और अधिक मजबूत किया जाएगा।
हरियाणा का कलेसर नेशनल पार्क, जो हिमाचल की शिवालिक पहाड़ियों के निकट स्थित है, अब अत्याधुनिक सुरक्षा उपायों से लैस होने जा रहा है। यहां पहली बार एक एआई सिस्टम स्थापित किया जाएगा, जो वन्य जीवों की हर गतिविधि पर नजर रखेगा।
इस सिस्टम के माध्यम से जंगल में किसी भी प्रकार की घुसपैठ, गतिविधियों या विशेष क्षेत्रों में जानवरों की संख्या की निगरानी की जाएगी। एआई के संचालन के लिए एक विशेष कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा, जहां कर्मचारी रियल टाइम में सभी गतिविधियों का अवलोकन कर सकेंगे।
तीन मंजिला वॉच टॉवर का निर्माण
कलेसर नेशनल पार्क में एक तीन मंजिला वॉच टॉवर भी बनाया जाएगा। इसमें घुमावदार सीढ़ियों के माध्यम से ऊपर जाने की सुविधा होगी, जिससे जंगल सफारी पर आने वाले पर्यटक दूरबीन से वन्य जीवों का अवलोकन कर सकेंगे।
पहले चरण में मुख्य द्वार पर 18 फीट ऊंचा एक वॉच टॉवर स्थापित किया गया था, जो एक साथ 5-6 लोगों को ही ऊपर जाने की अनुमति देता है। नया तीन मंजिला टॉवर इससे काफी बड़ा होगा और इसमें बैठने की व्यवस्था भी होगी।
कलेसर जंगल का विशाल क्षेत्रफल
कलेसर नेशनल पार्क का क्षेत्रफल 11,570 एकड़ है। यहां हाथी, चीता, बाघ, सांभर, अजगर, मोर, हिरण, चीतल, कोबरा, बंदर, लंगूर जैसे कई दुर्लभ जीव पाए जाते हैं।
पहले यहां केवल एक मुख्य द्वार था, लेकिन अब दो मुख्य द्वार स्थापित किए गए हैं। नए द्वार से प्रवेश होगा और पुराने द्वार से जंगल सफारी की निकासी होगी।
नए मुख्य द्वार के पास पहली बार एक टिकट हाउस भी बनाया गया है, जहां से पर्यटक जंगल सफारी के लिए टिकट खरीद सकेंगे।
एआई सिस्टम से सुरक्षा में सुधार
कलेसर में स्थापित होने वाला एआई सिस्टम केवल वन्य जीवों की निगरानी नहीं करेगा, बल्कि जंगल में किसी भी घुसपैठ या आग लगने की स्थिति में कर्मचारियों को तुरंत सूचित करेगा। इससे जंगल की सुरक्षा और निगरानी दोनों में सुधार होगा।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक विवेक सक्सेना ने बताया, "एआई सिस्टम और तीन मंजिला वॉच टॉवर जल्द ही स्थापित किए जाएंगे। इससे जंगल में होने वाली हर गतिविधि पर लगातार नजर रखी जा सकेगी।"
