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कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष श्लोक और मंत्र

कृष्ण जन्माष्टमी 2025 का पर्व हर हिंदू के लिए महत्वपूर्ण है, जो भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव है। इस दिन भक्त विशेष श्लोक और मंत्रों का जाप करते हैं, जो उनके जीवन में सुख और शांति लाने में सहायक होते हैं। इस लेख में हम कुछ खास श्लोक और मंत्र साझा कर रहे हैं, जिन्हें आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा कर सकते हैं। जानें कैसे ये मंत्र आपके जीवन की परेशानियों को दूर कर सकते हैं और भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
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कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष श्लोक और मंत्र

कृष्ण जन्माष्टमी श्लोक (नई दिल्ली)

कृष्ण जन्माष्टमी 2025 का पावन पर्व हर हिंदू के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह दिन भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव मनाने का है। इस विशेष अवसर पर भक्त भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा करते हैं और उनके मंत्रों तथा श्लोकों का जाप करते हैं। यदि आप भी इस जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो उनके श्लोक और मंत्र आपके लिए लाभकारी हो सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ महत्वपूर्ण श्लोक और मंत्र, जिनका जाप आपके जीवन के सभी दुखों को दूर कर सकता है।


कृष्ण जन्माष्टमी श्लोक

ॐ श्री कृष्णः शरणं ममः


भावार्थ- हे श्री कृष्ण! मैं आपसे प्रार्थना करता हूं कि आप मुझे अपने संरक्षण में ले लें।


हरे राम हरे कृष्ण कृष्ण कृष्णेति मंगलम्।
एवं वदन्ति ये नित्यं न हि तान् बाधते कलिः॥


भावार्थ- जो भक्त सदा हरे राम! हरे कृष्ण! कृष्ण! कृष्ण! का जाप करते हैं, उन्हें कलियुग में कोई हानि नहीं पहुंचा सकता।


कलि काले नाम रूपे कृष्ण अवतार।
नाम हइते सर्व जगत निस्तार।।


भावार्थ- श्री कृष्ण और कृष्ण नाम एक समान हैं। कलियुग में श्री कृष्ण स्वयं हरिनाम के रूप में अवतरित होते हैं। केवल हरिनाम से ही सम्पूर्ण संसार का उद्धार संभव है।


कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व

कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार भक्ति और उत्साह का प्रतीक है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। इस दिन भक्त मंदिरों में जाकर या अपने घर पर बाल गोपाल की पूजा करते हैं। माना जाता है कि इस दिन सच्चे मन से पूजा और मंत्र जाप करने से भगवान कृष्ण की अनंत कृपा प्राप्त होती है, और जीवन की सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।


कृष्ण जन्माष्टमी संस्कृत श्लोक

ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।
प्रणतः क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नमः॥


अर्थ- हे कृष्ण, वासुदेव, हरि, परमात्मा, जो शरण में आए हुए के कष्ट दूर करते हैं, गोविन्द, आपको मेरा बार-बार नमन है।


कृष्णाय वासुदेवाय देवकीनन्दनाय च ।
नन्दगोपकुमाराय गोविन्दाय नमो नमः ॥


अर्थ- श्रीकृष्ण, जो वासुदेव और देवकी के पुत्र हैं, जो नंद और गोप कुमारों के प्रिय हैं, उन्हें मेरा बार-बार नमन है।


कृष्ण जन्माष्टमी मंत्र

अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरं।
हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं॥


भावार्थ- हे श्री कृष्ण, आपके होंठ मधुर हैं, आपका मुख मधुर है, आपकी आँखें मधुर हैं, आपकी मुस्कान मधुर है, आपका हृदय मधुर है, आपकी चाल मधुर है। हे मधुरता के ईश्वर श्री कृष्ण, आप सभी प्रकार से मधुर हैं।


कृष्ण मंत्र

ॐ कृष्णाय नमः


भावार्थ- हे श्री कृष्ण, मेरा नमन स्वीकार करें।


श्री कृष्ण के मंत्रों का महत्व

श्रीकृष्ण के मंत्र और श्लोक भक्ति के साथ-साथ आध्यात्मिक शांति भी प्रदान करते हैं। कहा जाता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से इन मंत्रों का जाप करता है, उसके जीवन से नकारात्मकता दूर होती है और सुख-समृद्धि आती है। ये श्लोक और मंत्र न केवल आपको भगवान के करीब लाते हैं, बल्कि आपके मन को शांति और आत्मविश्वास भी देते हैं। इस जन्माष्टमी पर इन मंत्रों को अवश्य अपनाएं।


इन विशेष श्लोकों और मंत्रों का जाप आप न केवल अपने लिए कर सकते हैं, बल्कि अपने परिवार और दोस्तों के साथ भी साझा कर सकते हैं। ये मंत्र और श्लोक संस्कृत में हैं, जो भगवान कृष्ण की महिमा को और बढ़ाते हैं। इन्हें व्हाट्सएप, सोशल मीडिया या संदेश के जरिए भेजकर आप अपनों के साथ जन्माष्टमी की खुशियां बांट सकते हैं। इस पर्व को और खास बनाने के लिए इन मंत्रों का जाप अवश्य करें।