कोलकाता हाईकोर्ट से शर्मिष्ठा को मिली राहत, वकील ने उठाए सवाल

कोलकाता हाईकोर्ट से मिली राहत
सांप्रदायिक वीडियो विवाद में लॉ की छात्रा शर्मिष्ठा को कोलकाता हाईकोर्ट से राहत मिली है। उनके वकील डीपी सिंह ने इस मामले में जानकारी दी है कि शर्मिष्ठा को तीन शर्तों पर जमानत दी गई है। उन्हें अपना पासपोर्ट सौंपना होगा, जांच में सहयोग करना होगा और जमानत बांड पर हस्ताक्षर करना होगा।
शर्मिष्ठा का बयान
शर्मिष्ठा ने कुछ गलत नहीं कहा
वकील डीपी सिंह ने कहा कि देश में कई चीजें गलत हो रही हैं। छात्र जो देखते और सुनते हैं, उस पर अपनी राय व्यक्त करते हैं। उन्हें गिरफ्तार करना गलत है। उन्होंने कहा कि यदि वीडियो को ध्यान से देखा जाए तो केवल 5 से 10 सेकंड को छोड़कर शर्मिष्ठा ने कुछ गलत नहीं कहा। उस समय भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव था और शर्मिष्ठा अपने देश के बारे में बात कर रही थी।
इस्लाम के बारे में जानकारी की कमी
शर्मिष्ठा को इस्लाम की नहीं जानकारी
वकील ने बताया कि शर्मिष्ठा को इस्लाम धर्म के नबी के बारे में सही जानकारी नहीं है। नबी और खुदा के बीच का अंतर भी उन्हें नहीं पता था। इस कारण एक समुदाय उनके खिलाफ खड़ा हो गया। हालांकि, उनके बयान के कारण देश में कोई दंगा नहीं हुआ, तो फिर उन्हें सजा क्यों दी जा रही है?
माफी की मांग
विवाद बढ़ने पर शर्मिष्ठा ने मांगी थी माफी
इस विवाद के बाद शर्मिष्ठा ने वीडियो हटाते हुए सोशल मीडिया पर माफी मांगी थी। छात्रा ने 15 मई को 'एक्स' पर लिखा, 'मैं बिना शर्त माफी मांगती हूं। जो कुछ भी लिखा, वह मेरी व्यक्तिगत भावनाएं हैं और मैंने जानबूझकर किसी को ठेस नहीं पहुंचाई। अगर किसी को ठेस पहुंची है, तो मुझे खेद है। मैं अब से अपने सार्वजनिक पोस्ट में सावधानी बरतूंगी। कृपया मेरी माफी स्वीकार करें।'