क्या भारत-पाक मैच पर रवीना टंडन की भावनात्मक अपील ने बदल दी स्थिति?

भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप मैच पर विवाद
Raveena on Ind vs Pak Match: भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप 2025 का बहुप्रतीक्षित मुकाबला रविवार को दुबई में होने जा रहा है। इस मैच को लेकर देश में एक बड़ा विवाद उत्पन्न हो गया है। अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए निर्दोष लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए, सोशल मीडिया पर कई लोग इस मैच का बहिष्कार करने की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि बीसीसीआई और सरकार को पाकिस्तान के खिलाफ इस मैच से हट जाना चाहिए था।
रवीना टंडन की भावनात्मक अपील
एक मिनट का मौन
इस संवेदनशील माहौल में, अभिनेत्री रवीना टंडन ने एक भावनात्मक अपील की है। उन्होंने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट और इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा कि यदि मैच रद्द नहीं हो सकता, तो भारतीय टीम को काली पट्टी पहनकर खेलना चाहिए और शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए घुटने टेकने चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि एक मिनट का मौन रखा जाए और टीम जीत के बाद इस सम्मान को अदा करे।
So ok the match is on. I hope our team plays with black bands on and takes a knee . Before taking victory .
— Raveena Tandon (@TandonRaveena) September 14, 2025
रवीना ने बीसीसीआई द्वारा जारी एक समाचार लेख को भी साझा किया, जिसमें बताया गया था कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ मैच का बहिष्कार क्यों नहीं कर सकता। उन्होंने इस पर सवाल उठाया कि क्या हम शहीदों के लिए इतना भी नहीं कर सकते।
फिल्मी हस्तियों की प्रतिक्रियाएँ
फिल्मी हस्तियों की राय
इस मुद्दे पर कई फिल्मी हस्तियों ने अपनी राय रखी है। अभिनेता सुनील शेट्टी ने कहा कि खिलाड़ियों को दोष नहीं देना चाहिए क्योंकि वे देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए बाध्य हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर मैं यह मैच नहीं देखना चाहता, तो यह मेरा व्यक्तिगत निर्णय है, लेकिन खिलाड़ियों को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
अभिनेता ज़ायेद खान ने खेल को राजनीति से अलग रखने की बात की। उन्होंने कहा कि खेल खेल होता है, इसमें रिश्ते बनने दीजिए। वहीं, साईं दुर्गा तेज ने आशा जताई कि भारत इस मुकाबले को जीतेगा और कहा कि उनकी सारी दुआएं भारत की जीत के लिए हैं।
यह ध्यान देने योग्य है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग ज़िले के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकवादी हमले में 26 नागरिकों की जान गई थी, जिसमें अधिकांश पर्यटक शामिल थे। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली थी।