क्या मनीषा कोइराला का 'हिंदू राष्ट्र' बयान नेपाल में नई बहस का कारण बन रहा है?

मनीषा कोइराला का नेपाल पर बयान
मनीषा कोइराला का नेपाल पर बयान: हाल ही में नेपाल में उभरे युवा आंदोलनों और सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया के बीच, अभिनेत्री मनीषा कोइराला फिर से चर्चा में हैं। उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा की गई हिंसक कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। इस संदर्भ में उनका एक पुराना इंटरव्यू भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे नेपाल को एक हिंदू राष्ट्र के रूप में संदर्भित कर रही हैं।
नवंबर 2022 का वायरल वीडियो
नवंबर 2022 का वीडियो
यह वीडियो नवंबर 2022 का है, जब नेपाल में आम चुनाव होने वाले थे। इसमें मनीषा कहती हैं कि हम एकमात्र हिंदू राष्ट्र थे और यही हमारी असली पहचान थी। उन्होंने कहा कि हमारे देश में कभी धर्म के नाम पर लड़ाई नहीं हुई, हम एक शांतिपूर्ण हिंदू राष्ट्र थे। इसे क्यों बदला गया? उन्होंने नेपाल की धर्मनिरपेक्ष पहचान को एक साजिश का हिस्सा बताया और कहा कि राजनीतिक नेताओं ने जानबूझकर धार्मिक एकता को खत्म किया।
सामाजिक और राजनीतिक तनाव
सामाजिक और राजनीतिक तनाव
वीडियो का फिर से सामने आना इस समय महत्वपूर्ण है, क्योंकि नेपाल इस समय बड़े सामाजिक और राजनीतिक तनाव का सामना कर रहा है। देशभर में हजारों युवा, खासकर जेनरेशन ज़ेड, भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया सेंसरशिप के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी प्रतिबंधों और नियंत्रण के खिलाफ राष्ट्रीय ध्वज लेकर मार्च किया और संसद भवन के बाहर नारेबाज़ी की। जब भीड़ ने संसद भवन के गेट को आग लगा दी, तो पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा, जिसमें पानी की बौछारें, आंसू गैस और गोलियां तक चलाई गईं।
मनीषा कोइराला की प्रतिक्रिया
Manisha Koirala supporting Hindu Rashtra, and suggesting how the leftist/communist and congress type democracy/govts destroying Nepal.. pic.twitter.com/Ve8drGvhkS
— Keh Ke Peheno (@coolfunnytshirt) May 7, 2024
मनीषा कोइराला ने इस कार्रवाई को शर्मनाक बताया। अपने इंस्टाग्राम पर उन्होंने लिखा कि आज नेपाल के लिए काला दिन है, जब जनता की आवाज का जवाब गोलियों से दिया गया।
नेपाल की धार्मिक और राजनीतिक पहचान
नेपाल की धार्मिक और राजनीतिक पहचान
मनीषा का यह बयान और पुराना वीडियो नेपाल की धार्मिक और राजनीतिक पहचान पर एक नई बहस को जन्म दे रहे हैं। एक ओर वे हिंसा के खिलाफ आवाज़ उठा रही हैं, वहीं दूसरी ओर उनके 'हिंदू राष्ट्र' वाले बयान को लेकर सोशल मीडिया पर विवाद भी बढ़ गया है। इस प्रकार, नेपाल की मौजूदा राजनीतिक स्थिति और धार्मिक विमर्श दोनों एक संवेदनशील मोड़ पर आ गए हैं।