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क्रिमिनल जस्टिस सीजन 4: एक नई मर्डर मिस्ट्री का रोमांच

क्रिमिनल जस्टिस सीजन 4 ने दर्शकों को एक नई मर्डर मिस्ट्री के साथ फिर से आकर्षित किया है। पंकज त्रिपाठी का माधव मिश्रा का किरदार एक बार फिर से दर्शकों का दिल जीत रहा है। इस सीजन में कहानी एक परिवार और हत्या के रहस्य के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसमें प्यार, विश्वासघात और मानसिक स्वास्थ्य जैसे मुद्दे शामिल हैं। पहले तीन एपिसोड ने दर्शकों को रोमांचित किया है, और हर गुरुवार को नए एपिसोड का इंतजार है। जानें इस सीजन की पूरी कहानी और पंकज त्रिपाठी के शानदार अभिनय के बारे में।
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क्रिमिनल जस्टिस सीजन 4: एक नई मर्डर मिस्ट्री का रोमांच

क्रिमिनल जस्टिस सीजन 4 की समीक्षा

क्रिमिनल जस्टिस सीजन 4 की समीक्षा: इस सीरीज के हर नए सीजन ने दर्शकों को अगली कहानी के बारे में सोचने पर मजबूर किया है। अब चौथे सीजन के पहले तीन एपिसोड रिलीज हो चुके हैं, जो एक बार फिर आपको हत्या के रहस्य में उलझा देंगे। यदि आप पिछले तीन सीज़नों के प्रशंसक हैं, तो आप इसे देखने से खुद को रोक नहीं पाएंगे और इसके लिए उत्सुक रहेंगे। तीन सफल सीज़नों के बाद, जियो हॉटस्टार पर क्रिमिनल जस्टिस सीजन 4 ने वापसी की है, जिसमें पंकज त्रिपाठी का माधव मिश्रा का किरदार एक बार फिर से दर्शकों का दिल जीत रहा है।


पंकज त्रिपाठी का दमदार प्रदर्शन

इस बार की कहानी एक परिवार और एक हत्या के मामले के इर्द-गिर्द घूमती है। इस सीजन में कुल 8 एपिसोड हैं, जिनमें से तीन पहले ही रिलीज हो चुके हैं, और अब हर गुरुवार को दो नए एपिसोड सामने आएंगे।


कहानी का सारांश

क्रिमिनल जस्टिस सीजन 4 एक पारिवारिक कथा के साथ लौटता है, जिसमें प्यार, विश्वासघात, मानसिक स्वास्थ्य और हत्या के रहस्य की परतें शामिल हैं। कहानी की शुरुआत डॉ. राज नागपाल (मोहम्मद जीशान अय्यूब) से होती है, जो एक सफल सर्जन हैं, लेकिन उनकी पत्नी अंजू (सुरवीन चावला) के साथ रिश्ते में दरार आ गई है। उनकी बेटी इरा एस्परगर से पीड़ित है, जिसकी देखभाल एक नर्स रोशनी (आशा नेगी) करती है। सब कुछ सामान्य लगता है, लेकिन एक सुबह रोशनी की रहस्यमय हत्या हो जाती है और राज मुख्य आरोपी बन जाते हैं। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, अंजू को भी गिरफ्तार कर लिया जाता है और सच्चाई की परतें खुलने लगती हैं।



कॉमिक टाइमिंग और निर्देशन

पंकज त्रिपाठी उर्फ माधव मिश्रा एक बार फिर अपनी सरलता और बुद्धिमत्ता के साथ केस को संभालते हैं। इस बार वे अपनी नई लॉ फर्म 'माधव मिश्रा एंड एसोसिएट्स' के साथ हैं। उनका किरदार न केवल केस की तह तक पहुंचता है, बल्कि अपनी कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों को भी हंसाने में सफल रहता है। उनकी पत्नी रत्ना भी इस बार उनके काम में मदद करती नजर आती हैं, जिससे कहानी में हल्का-फुल्का टच जुड़ता है।


निर्देशन और लेखन की गुणवत्ता

रोमांच की पकड़ अंत तक बनी रहती है, और क्लाइमेक्स तक सस्पेंस बना रहता है। लेखकों और निर्देशकों की टीम ने एक बार फिर साबित किया है कि कैसे अंत तक सस्पेंस बनाए रखा जाता है। कोर्ट रूम के दृश्यों में हर बार एक नया मोड़ आता है, जो दर्शकों को अपनी सीट से बांधे रखता है। हालांकि कहानी कभी-कभी थोड़ी खिंची हुई लगती है, लेकिन क्लाइमेक्स इतना प्रभावशाली है कि आप उस छोटी सी खामी को नजरअंदाज कर सकते हैं।


अभिनय की उत्कृष्टता

पंकज त्रिपाठी इस बार भी सीरीज की जान हैं, लेकिन उनके साथ कई अन्य शानदार कलाकार भी हैं। मोहम्मद जीशान अय्यूब ने एक परेशान पति और पिता के रूप में दमदार अभिनय किया है। सुरवीन चावला का किरदार भी महत्वपूर्ण है, और आशा नेगी ने अपने छोटे लेकिन प्रभावशाली रोल से शो में जान डाल दी है। मीता वशिष्ठ और श्वेता बसु प्रसाद ने भी अपनी एक्टिंग से प्रभावित किया है।