गंगा एक्सप्रेसवे: यूपी में बेहतर कनेक्टिविटी और रोजगार के नए अवसर

गंगा एक्सप्रेसवे का शुभारंभ
गंगा एक्सप्रेसवे: उत्तर प्रदेश में गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण जल्द ही पूरा होने वाला है। इस एक्सप्रेसवे के चालू होने से कई जिलों की कनेक्टिविटी में सुधार होगा और व्यापार व रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे। यह प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है, जिसकी कुल लंबाई 594 किलोमीटर है। यूपीडा ने टोल टैक्स निर्धारित करने के लिए एक सलाहकार कंपनी का चयन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। थोक मुद्रा सूचकांक के आधार पर, वर्ष 2025-26 में प्रति किलोमीटर टोल टैक्स तय किया जाएगा।
टोल दरें क्या होंगी?
कार, जीप, वैन और हल्के वाहनों के लिए टोल टैक्स 2.55 रुपये प्रति किलोमीटर निर्धारित किया गया है। हल्के वाणिज्यिक वाहनों और मिनी बसों के लिए यह दर 4.05 रुपये प्रति किलोमीटर, बसों और ट्रकों के लिए 8.15 रुपये प्रति किलोमीटर, भारी वाहनों के लिए 12.55 रुपये प्रति किलोमीटर और ओवरसाइज वाहनों के लिए 16.05 रुपये प्रति किलोमीटर होगी। बाईपास का उपयोग करने पर ये दरें क्रमशः 70 पैसे, 1.05 रुपये, 2.10 रुपये, 3.15 रुपये और 4.15 रुपये प्रति किलोमीटर होंगी। बताया गया है कि ग्रीनफील्ड गंगा एक्सप्रेसवे के चार समूहों का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है और इसे जल्द ही जनता के लिए खोला जाएगा।
कौन से जिलों को मिलेगा लाभ?
गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण चार कंपनियों द्वारा किया गया है और यह प्रदेश के 12 जिलों से होकर गुजरेगा। इनमें मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज शामिल हैं। इसके अलावा, यह एक्सप्रेसवे तीन राज्यों, यूपी, हरियाणा और उत्तराखंड के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाएगा।
रोजगार के नए अवसर
गंगा एक्सप्रेसवे के चालू होने से उत्तर प्रदेश न केवल सड़क नेटवर्क में देश के प्रमुख राज्यों में शामिल होगा, बल्कि यह राज्य को एक नए औद्योगिक और आर्थिक केंद्र के रूप में स्थापित करने में भी सहायक होगा। इससे निवेशकों के लिए राज्य और अधिक आकर्षक बनेगा, जिससे लोगों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे।