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गुजरात की डॉक्टर का 19 करोड़ रुपये का डिजिटल ठगी का मामला: कैसे बनीं शिकार?

गुजरात के गांधीनगर में एक प्रतिष्ठित महिला डॉक्टर को एक फोन कॉल ने पूरी तरह से बदल दिया। खुद को सरकारी अधिकारी बताने वाले ठगों ने उन्हें डराया कि उनके फोन में आपत्तिजनक सामग्री है, जिसके बाद डॉक्टर ने अपनी जीवनभर की कमाई, 19 करोड़ रुपये, ठगों को दे दिए। इस मामले में पुलिस ने सूरत से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। जानें इस हाई-प्रोफाइल साइबर फ्रॉड की पूरी कहानी और इसके पीछे का सच।
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गुजरात की डॉक्टर का 19 करोड़ रुपये का डिजिटल ठगी का मामला: कैसे बनीं शिकार?

डॉक्टर की जिंदगी में आया तूफान

गुजरात के गांधीनगर में एक प्रतिष्ठित महिला डॉक्टर की जिंदगी 15 मार्च को एक फोन कॉल के बाद पूरी तरह बदल गई। एक व्यक्ति, जिसने खुद को सरकारी अधिकारी बताया, ने उन्हें डराया कि उनके मोबाइल में आपत्तिजनक सामग्री पाई गई है और उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज हो सकता है। इस कॉल ने डॉक्टर के लिए एक भयावह 'डिजिटल गिरफ्तारी' की शुरुआत की, जिसमें ठगों ने तीन महीने में उनकी जीवनभर की कमाई, कुल 19 करोड़ रुपये, हड़प लिए।


कैसे शुरू हुआ ठगी का खेल

फोन कॉल में आरोप लगाया गया कि डॉक्टर के फोन में अवैध सामग्री है। कॉल करने वाले ने कहा कि उनका नंबर बंद कर दिया जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस डर के कारण डॉक्टर ने कॉल पर विश्वास कर लिया।


फर्जी अधिकारियों का डर

इसके बाद, कई बार अलग-अलग लोगों ने कॉल की, जिनमें से कुछ सब-इंस्पेक्टर और कुछ सरकारी वकील बनकर आए। हर किसी ने धमकी दी कि चुपचाप जांच में सहयोग करें, वरना गंभीर परिणाम होंगे। इस मानसिक दबाव में डॉक्टर धीरे-धीरे ठगों के जाल में फंसती चली गईं।


19 करोड़ रुपये का ट्रांसफर

लगातार दबाव और धमकियों के चलते डॉक्टर ने अपनी जीवनभर की जमा पूंजी 35 अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी। इसके अलावा, उन्होंने अपनी ज्वेलरी पर लोन लिया और वह रकम भी ठगों को दे दी। डॉक्टर को इस कदर मानसिक रूप से नियंत्रित किया गया कि जब भी वह घर से बाहर निकलतीं, अपनी लोकेशन वीडियो कॉल पर ठगों को बतातीं।


जब कॉल्स बंद हुईं, तब खुली आंखें

एक दिन अचानक सभी कॉल्स बंद हो गईं। डॉक्टर को एहसास हुआ कि कुछ गड़बड़ है और उन्होंने अपने परिवार को सब कुछ बताया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टर की शिकायत पर गुजरात की CID क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में ही यह पता चला कि यह भारत में अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल गिरफ्तारी का मामला हो सकता है।


सूरत से गिरफ्तार पहला आरोपी

जांच में पुलिस ने सूरत से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिसके बैंक खाते में ठगी की रकम में से 1 करोड़ रुपये मिले हैं। फिलहाल उससे पूछताछ जारी है ताकि पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ हो सके। पुलिस अब डिजिटल फुटप्रिंट्स की मदद से पूरे गैंग और मास्टरमाइंड्स की पहचान करने में जुटी है। ठगी के पूरे पैसे की रिकवरी अभी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है.