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गौतमी कपूर का विवाद: क्या एक मां की व्यक्तिगत राय को समझना इतना मुश्किल है?

टीवी अभिनेत्री गौतमी कपूर ने हाल ही में अपने पॉडकास्ट में उठे विवाद पर अपनी भावनाएं साझा की हैं। उन्होंने अपनी बेटी के लिए एडल्ट टॉय उपहार देने की इच्छा जताई थी, जिसके बाद उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा। गौतमी ने बताया कि इस अनुभव ने उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाला और वह लगभग एक महीने तक सोशल मीडिया से दूर रहीं। उन्होंने यह भी कहा कि माता-पिता के निजी निर्णयों का सम्मान करना चाहिए और बच्चों को विवाद में खींचना उचित नहीं है।
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गौतमी कपूर का विवाद: क्या एक मां की व्यक्तिगत राय को समझना इतना मुश्किल है?

गौतमी कपूर ने साझा की अपनी भावनाएं


टीवी की मशहूर अभिनेत्री गौतमी कपूर ने हाल ही में सोशल मीडिया पर अपने खिलाफ उठे विवाद पर खुलकर अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं। यह विवाद तब शुरू हुआ जब उन्होंने अपने पॉडकास्ट में अपनी बेटी सिया के लिए एक एडल्ट टॉय उपहार देने की इच्छा जताई। इस बयान के बाद, सोशल मीडिया पर उन्हें तीखी आलोचना और ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा, जिसने उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाला।


गौतमी कपूर का बयान

गौतमी ने कहा कि यह विवाद उनके लिए अचानक उत्पन्न हुआ। उन्होंने बताया कि पॉडकास्ट उन्होंने लगभग चार महीने पहले किया था, लेकिन इसके बाद यह विवाद बन गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह केवल उनकी और उनकी बेटी के बीच की बातचीत थी और उन्होंने किसी को प्रभावित करने का प्रयास नहीं किया।


गौतमी ने यह भी कहा कि उनके और उनके पति राम कपूर के बच्चों के साथ संबंध बहुत खुले हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग उनके विचारों से सहमत हो सकते हैं, जबकि कुछ इसे गलत समझ सकते हैं। लेकिन सवाल यह है कि उनके बच्चों को इस विवाद में क्यों खींचा जा रहा है?


सोशल मीडिया से एक महीने की दूरी

अभिनेत्री ने स्वीकार किया कि ट्रोलिंग ने उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाला। उन्होंने बताया कि उन्हें रातों की नींद नहीं आई और अवसाद जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा। गौतमी ने कहा कि जब वह अपने इंस्टाग्राम फीड पर टिप्पणियां देखती थीं, तो उन्हें विश्वास नहीं होता था कि लोग किस तरह की बातें करते हैं। इस कारण, वह लगभग एक महीने तक सोशल मीडिया से दूर रहीं।


एक महत्वपूर्ण संदेश

गौतमी ने कहा कि इस अनुभव ने उन्हें भावनात्मक रूप से थका दिया। उन्होंने बताया कि लोग अक्सर दूसरों के निजी निर्णयों पर इतनी तीखी प्रतिक्रिया देते हैं कि समझ पाना मुश्किल हो जाता है। इसके बावजूद, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनका बयान केवल एक व्यक्तिगत विचार था और इसका उद्देश्य किसी को प्रभावित करना नहीं था।


इस पूरे विवाद ने गौतमी कपूर को सार्वजनिक और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौती दिखाई। उन्होंने अपनी कहानी साझा करके यह संदेश दिया कि माता-पिता के निजी निर्णयों का सम्मान करना चाहिए और किसी के बच्चों को विवाद में खींचना उचित नहीं है।