गौरांग दास ने सुंदर पिचाई से मुलाकात का साझा किया अनुभव

लंदन में इंडिया ग्लोबल फोरम का समापन
इंडिया ग्लोबल फोरम 2025 के अंतिम दिन, इस्कॉन के सन्यासी गौरांग दास ने गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई के साथ अपनी मुलाकात का एक दिलचस्प किस्सा साझा किया। गौरांग ने बताया कि पिचाई, जो उनकी उम्र के हैं, ने उनकी युवा दिखने वाली छवि की सराहना की।
पिचाई के साथ अनोखी मुलाकात
गौरांग दास, जो आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र हैं, ने बताया कि वह और पिचाई एक ही बैच में पढ़े थे, हालांकि उनकी शाखाएँ अलग थीं। उन्होंने लंदन में IGF में कहा, "मैं सुंदर पिचाई के साथ आईआईटी में एक ही बैच में था। जब हम मिले, तो उन्होंने कहा, 'तुम मुझसे छोटे दिखते हो।' मैंने उत्तर दिया, 'आप गूगल का प्रबंधन करते हैं, जो तनाव लाता है। मैं भगवान के साथ काम करता हूं, जो तनावमुक्त करता है।'"
सोशल मीडिया की लत पर चिंता
गौरांग दास ने सोशल मीडिया की बढ़ती लत के प्रति चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "हमें एक गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है। विश्व स्तर पर 23 करोड़ लोग सोशल मीडिया की लत से प्रभावित हैं। भारत में 70 प्रतिशत युवा प्रतिदिन सात घंटे ऑनलाइन बिताते हैं। दुनिया में हर सातवां व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहा है।" उन्होंने तनाव और अकेलेपन के लिए सोशल मीडिया को जिम्मेदार ठहराया और अपनी तनावमुक्त जीवनशैली को इसका श्रेय दिया।
गौरांग दास का परिचय
गौरांग दास एक इस्कॉन सन्यासी और आईआईटी बॉम्बे के स्नातक हैं। वे इस्कॉन में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं और 'द आर्ट ऑफ रेजिलिएंस' और 'द आर्ट ऑफ फोकस' जैसी पुस्तकों के लेखक हैं। उन्होंने कॉरपोरेट नौकरी छोड़कर अपना जीवन सामाजिक कार्य और आध्यात्मिकता को समर्पित कर दिया है।