चोपड़ा पूजा: दीपावली पर समृद्धि और शुभ संकल्प का उत्सव

चोपड़ा पूजा का आध्यात्मिक महत्व
चोपड़ा पूजा का महत्व
दीपावली के अवसर पर की जाने वाली चोपड़ा पूजा नए आरंभ और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है। यह विशेष रूप से व्यापारियों और नए कार्यों की शुरुआत करने वालों के लिए महत्वपूर्ण है। इस पूजा में नए बही-खातों की पूजा की जाती है, जिसमें 'श्री गणेशाय नम:' या 'श्री लक्ष्मी नम:' लिखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इससे पूरे वर्ष धन और सौभाग्य बना रहता है। इस वर्ष यह पूजा 20 अक्टूबर को आयोजित की जाएगी, जिसके लिए शुभ मुहूर्त भी निर्धारित किए गए हैं।
चोपड़ा पूजा की प्रक्रिया
चोपड़ा का अर्थ है बही-खाता या लेखा-पुस्तक। प्राचीन काल से दीपावली के दिन पुराने खातों का समापन कर नए वर्ष के लेन-देन की शुरुआत करने की परंपरा रही है। व्यापारी इस दिन अपनी नई बही, डायरी या फाइल की पूजा करते हैं। मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की उपासना के बाद बही पर 'श्री गणेशाय नम:' या 'श्री लक्ष्मी नम:' लिखना अत्यंत शुभ माना जाता है।
इस प्रक्रिया से पूरे वर्ष धन, सौभाग्य और समृद्धि का आशीर्वाद बना रहता है। केवल व्यापारी ही नहीं, बल्कि जो लोग नई योजनाएं या कार्य आरंभ करना चाहते हैं, वे भी इस दिन लेखनी और डायरी की पूजा कर सकते हैं।
चोपड़ा पूजा का महत्व
चोपड़ा पूजा केवल व्यापारिक परंपरा नहीं है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक संकल्प भी है। यह पूजा हमें याद दिलाती है कि आने वाला वर्ष ईमानदारी, स्पष्टता और शुभ कर्मों से भरा होना चाहिए। यह लक्ष्मी-गणेश की कृपा से समृद्धि के साथ-साथ विवेक और आत्मविश्वास का भी आशीर्वाद प्रदान करती है।
चोपड़ा पूजा का चौघड़िया मुहूर्त
- दीपावली इस वर्ष 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार) को मनाई जाएगी। इसी दिन चोपड़ा पूजा का शुभ समय रहेगा।
- प्रदोष काल, जो लक्ष्मी पूजन और चोपड़ा पूजा दोनों के लिए सबसे शुभ माना जाता है, शाम 5:46 से रात 8:18 बजे तक रहेगा।
अतिरिक्त चौघड़िया मुहूर्त
- लाभ और अमृत चौघड़िया: दोपहर 3:44 बजे से शाम 5:46 बजे तक रहेगा।
- चर चौघड़िया: शाम 5:46 बजे से 7:21 बजे तक रहेगा।