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छोरियां चली गांव: रियलिटी शो में चुनौतियों का सामना करती 11 सेलेब्स

छोरियां चली गांव एक अनोखा रियलिटी शो है जिसमें 11 सेलेब्स को 60 दिनों तक मध्यप्रदेश के बिमुलिया गांव में रहना है। शो में उन्हें विभिन्न ग्रामीण चुनौतियों का सामना करना होगा, जिसमें यात्रा के दौरान कठिनाइयों का सामना करना शामिल है। रणविजय सिंह द्वारा होस्ट किए गए इस शो में छोरियों को दो टीमों में बांटा गया है और उन्हें गांव के परिवारों के साथ रहकर उनके दैनिक जीवन का अनुभव करना है। जानें इस शो में क्या खास है और कैसे ये सेलेब्स अपने अनुभवों से सीखते हैं।
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छोरियां चली गांव: रियलिटी शो में चुनौतियों का सामना करती 11 सेलेब्स

छोरियों का स्वागत और यात्रा की शुरुआत

छोरियां चली गांव: रियलिटी शो के प्रीमियर में अभिनेता और होस्ट रणविजय सिंह ने उन 11 सेलेब्स को स्टेज पर बुलाया, जो 60 दिनों तक मध्यप्रदेश के भोपाल जिले के बिमुलिया गांव में रहकर विभिन्न ग्रामीण चुनौतियों का सामना करेंगी। इन चुनौतियों का सामना करते ही उनका सफर शुरू हो गया। सभी 11 छोरियों को चार्टर फ्लाइट से मुंबई से भोपाल लाया गया, जहां उन्हें एक फाइव स्टार होटल में एक रात ठहराया गया। अगले दिन से उनकी यात्रा आरंभ हुई।


टीमों में विभाजन और यात्रा

छोरियों को बांटा गया दो टीमों में


रियलिटी शो के दूसरे दिन, रणविजय ने छोरियों के लिए एक टेप संदेश भेजा, जिसमें उन्हें दो टीमों में बांटकर बिमुलिया पहुंचने का निर्देश दिया गया। दोनों टीमें तूफान गाड़ी से बस स्टैंड की ओर बढ़ीं। रास्ते में गाड़ी में सवारियों की संख्या बढ़ती गई। अंततः, ओवरलोड गाड़ी से छोरियां बस स्टैंड पहुंचीं, जहां से उन्हें पिपलिया के लिए लोकल बस मिली।


लोकल बस से बैलगाड़ी तक का सफर

लोकल बस से लेकर बैलगाड़ी का सफर


पिपलिया के लिए लोकल बस में यात्रा करना भी आसान नहीं था। बस में भीड़ थी, जिसमें बकरियां और मछलियां भी थीं। धक्के खाते हुए, दोनों टीमें पिपलिया गांव पहुंचीं। वहां से बिमुलिया जाने के लिए ट्राली और बैलगाड़ी का सहारा लिया गया। बिमुलिया पहुंचने पर रणविजय और गांववाले उनका स्वागत करते हैं। अब छोरियों को गांव के रहन-सहन और कार्यों में 60 दिन बिताने हैं। रणविजय ने कहा कि वह चाहता है कि आज की पीढ़ी 'छोरियां चली गांव' के माध्यम से असली भारत को देखे।


गांव के घरों में छोरियों का स्वागत

11 छोरियों को 5 घरों में बांटा


रणविजय ने 11 छोरियों को गांव बिमुलिया के 5 घरों में भेजा। हर घर में वे एक सदस्य की तरह रहेंगी और सभी कामों में मदद करेंगी। अनीता हसनंदानी और डॉली जावेद को एक घर में, अंजुम फकीह और रमीत संधू को दूसरे घर में, और अन्य को अलग-अलग घरों में भेजा गया। रणविजय ने प्रतियोगियों से गांव के रोज़मर्रा के कामों में भाग लेने की प्रतिज्ञा करवाई।


भावुक क्षण और सीखने की प्रक्रिया

गांव के घरों में जाते ही भावुक हुईं छोरियां


जब छोरियां असाइन किए गए घरों में पहुंचीं, तो उन्हें परिवारों से बहुत प्यार मिला। हर परिवार ने उनका स्वागत अलग-अलग तरीके से किया। इस दौरान, छोरियों की सीखने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई। अनीता ने एक दादी के घर में रहने के लिए बुलाए जाने पर भावुक होकर रो पड़ीं। वहीं, एश्वर्या ने मिर्च पिसने की चुनौती का सामना किया। शो का कॉन्सेप्ट दर्शकों को बहुत पसंद आ रहा है।