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जिला कारागार में सेशन जज डीआर चालिया का औचक निरीक्षण

भिवानी में सेशन जज डीआर चालिया ने जिला कारागार का औचक निरीक्षण किया, जहां उन्होंने कैदियों की समस्याओं को सुना और उन्हें कानूनी सहायता प्रदान करने पर जोर दिया। उन्होंने जेल की स्वच्छता और कैदियों के लिए शिक्षा एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। इस निरीक्षण के दौरान, उन्होंने जेल प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और कैदियों के लिए बेहतर सुविधाओं की मांग की।
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जिला कारागार में सेशन जज डीआर चालिया का औचक निरीक्षण

कैदियों को कानूनी सहायता पर जोर


  • कैदियों को त्वरित नि:शुल्क कानूनी सहायता दिलाने पर दिया बल


Bhiwani News भिवानी। जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश डीआर चालिया ने स्थानीय जिला कारागार का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने जेल परिसर की व्यवस्थाओं का गहन अवलोकन किया और कैदियों की समस्याओं को सुना।


स्वच्छता और पेयजल की व्यवस्था

निरीक्षण के दौरान, सेशन जज ने बैरकों की सफाई, शौचालयों और स्नानघरों की स्वच्छता को बेहतर बनाने के लिए जेल प्रशासन को आवश्यक निर्देश दिए। गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने कैदियों के लिए स्वच्छ और पर्याप्त पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने की बात कही।


शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण का महत्व

कैदियों को सामान्य शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिए : सेशन जज डीआर चालिया


सेशन जज चालिया ने जेल पुस्तकालय का निरीक्षण करते हुए कहा कि कैदियों को सामान्य शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाना चाहिए, ताकि वे भविष्य में समाज में सम्मान के साथ जीवन व्यतीत कर सकें। उन्होंने इसे कैदियों के पुनर्वास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।


कानूनी सहायता क्लीनिक का निरीक्षण

इस अवसर पर, उन्होंने रसोई में जाकर भोजन की गुणवत्ता की जांच की और जेल में स्थापित कानूनी सहायता क्लीनिक का भी अवलोकन किया।


मिशन मोड में कानूनी सहायता

बंदियों के लिए मिशन मोड में किया जा रहा कार्य


उन्होंने कैदियों को नि:शुल्क विधिक सहायता का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया और बताया कि जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के माध्यम से योग्य कैदियों को वकील की सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। सीजेएम पवन कुमार ने विचाराधीन और सजायाफ्ता कैदियों से संवाद करते हुए उनकी व्यक्तिगत समस्याएं सुनीं और उनके मामलों के समाधान के बारे में जानकारी दी।


उन्होंने कहा कि उन बंदियों के लिए मिशन मोड में कार्य किया जा रहा है जो आर्थिक या सामाजिक कारणों से कानूनी सहायता नहीं ले पाते हैं। विधिक सेवा संस्थान ऐसे सभी बंदियों को त्वरित, नि:शुल्क और प्रभावी कानूनी सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है।