जॉन अब्राहम का 53वां जन्मदिन: एक्शन से कॉमेडी तक का सफर
जॉन अब्राहम का जन्मदिन
मुंबई: बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता जॉन अब्राहम आज अपने 53वें जन्मदिन का जश्न मना रहे हैं। मॉडलिंग से अपने करियर की शुरुआत करने वाले जॉन ने अपनी मेहनत और समर्पण से फिल्म इंडस्ट्री में एक विशेष स्थान बनाया है। दो दशकों से अधिक के अपने करियर में, उन्होंने न केवल एक्शन हीरो के रूप में बल्कि कॉमेडी, मनोवैज्ञानिक थ्रिलर, खेल ड्रामा और वास्तविक घटनाओं पर आधारित फिल्मों में भी अपनी प्रतिभा साबित की है। जॉन अपनी फिटनेस, बाइक प्रेम और सरल व्यक्तित्व के लिए भी जाने जाते हैं। आज उनके जन्मदिन पर, हम उनके कुछ ऐसे किरदारों पर नजर डालते हैं जो दर्शकों के दिलों में हमेशा के लिए बस गए हैं।
धूम: करियर का टर्निंग पॉइंट
2004 में आई फिल्म 'धूम' जॉन अब्राहम के करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। इस फिल्म में उन्होंने कबीर नामक चोर का किरदार निभाया था। बाइक पर स्टंट करते हुए इस स्टाइलिश विलेन ने दर्शकों को एक नया अनुभव दिया। कबीर का शांत लेकिन खतरनाक अंदाज आज भी लोगों को याद है। इस फिल्म ने जॉन को रातोंरात स्टार बना दिया और एक्शन फिल्मों की दिशा को बदल दिया।
गरम मसाला: कॉमेडी में नया रंग
एक्शन के बाद, जॉन ने कॉमेडी में भी अपनी प्रतिभा दिखाई। 2005 की फिल्म 'गरम मसाला' में उन्होंने श्याम उर्फ सैम का किरदार निभाया। अक्षय कुमार के साथ उनकी जोड़ी को दर्शकों ने बहुत पसंद किया। जॉन की कॉमिक टाइमिंग और मासूमियत ने साबित कर दिया कि वह केवल गंभीर किरदारों तक सीमित नहीं हैं। आज भी यह फिल्म दर्शकों को हंसाने में सफल रहती है।
नो स्मोकिंग और गोल में अलग सोच
अनुराग कश्यप की 'नो स्मोकिंग' में जॉन ने एक चेन स्मोकर का किरदार निभाया। हालांकि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं रही, लेकिन जॉन के अभिनय की सराहना हुई। वहीं, 'गोल' में उन्होंने सनी भसीन नामक फुटबॉलर का रोल किया, जिसमें उनके खेल के प्रति वास्तविक लगाव साफ नजर आया। इन फिल्मों ने दिखाया कि जॉन जोखिम लेने से कभी नहीं कतराते।
दोस्ताना: नई पहचान
फिल्म 'दोस्ताना' में कुणाल चौहान के किरदार ने जॉन अब्राहम को नई पीढ़ी के दर्शकों से जोड़ा। फिल्म की कहानी और उनके लुक्स दोनों ही चर्चा का विषय बने। हल्के-फुल्के अंदाज में निभाया गया यह किरदार उनके करियर के महत्वपूर्ण पड़ावों में से एक माना जाता है। इस फिल्म के बाद, जॉन केवल एक्शन हीरो नहीं बल्कि एक ऑलराउंडर अभिनेता के रूप में पहचाने जाने लगे।
शूटआउट एट वडाला: खूंखार गैंगस्टर
मान्या सुर्वे का किरदार जॉन अब्राहम के करियर के सबसे प्रभावशाली रोल्स में से एक है। 'शूटआउट एट वडाला' में उन्होंने एक शिक्षित लेकिन बेरहम गैंगस्टर को जीवंत किया। उनके लहजे और बॉडी लैंग्वेज ने दर्शकों को प्रभावित किया। इस फिल्म ने साबित किया कि जॉन निगेटिव शेड्स वाले किरदारों में भी पूरी तरह से फिट बैठते हैं।
न्यूयॉर्क और मद्रास कैफे: गंभीर अभिनय
फिल्म 'न्यूयॉर्क' में समीर शेख का किरदार भावनात्मक रूप से बहुत मजबूत था। आतंकवाद के आरोप में फंसे एक आम इंसान की पीड़ा को जॉन ने गहराई से निभाया। वहीं, 'मद्रास कैफे' में भारतीय जासूस विक्रम सिंह के रोल ने उनके अभिनय को नई ऊंचाई दी। सच्ची घटनाओं पर आधारित इस फिल्म में जॉन का संयमित और गंभीर अभिनय बहुत सराहा गया।
बाटला हाउस और पठान: दमदार वापसी
फिल्म 'बाटला हाउस' में एसीपी संजय कुमार के रूप में जॉन ने एक सख्त और ईमानदार पुलिस अधिकारी का किरदार निभाया। असली घटना पर आधारित इस फिल्म में उनका किरदार विश्वसनीय लगा। वहीं, 'पठान' में जिम के रोल ने दर्शकों को चौंका दिया। पूर्व रॉ एजेंट से खतरनाक विलेन बने जॉन ने साबित किया कि वह आज भी बड़े पर्दे पर उतनी ही ताकत से खड़े हैं।
