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जॉली LLB 3 के टीजर पर कानूनी विवाद, कोर्ट ने अक्षय और अरशद को समन भेजा

अक्षय कुमार और अरशद वारसी की फिल्म 'जॉली LLB 3' के टीजर ने कानूनी विवाद को जन्म दिया है। वकील समुदाय ने टीजर पर आपत्ति जताते हुए पुणे के सिविल कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता वाजिद खान का आरोप है कि फिल्म ने न्यायपालिका और वकील समुदाय की छवि को नुकसान पहुंचाया है। कोर्ट ने इस मामले में अभिनेताओं और फिल्म के निर्देशक को अक्टूबर 2025 में पेश होने का समन जारी किया है। इससे पहले, अजमेर कोर्ट में भी इस फिल्म के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
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जॉली LLB 3 के टीजर पर कानूनी विवाद, कोर्ट ने अक्षय और अरशद को समन भेजा

फिल्म के टीजर पर वकील समुदाय की आपत्ति

अक्षय कुमार और अरशद वारसी की नई फिल्म 'जॉली LLB 3' का टीजर रिलीज होते ही कानूनी विवाद में उलझ गया है। वकील समुदाय ने इस टीजर के खिलाफ पुणे के सिविल कोर्ट में याचिका दायर की है। इस मामले की सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने अक्टूबर 2025 में अभिनेताओं और फिल्म के निर्देशक को पेश होने का समन जारी किया है। याचिकाकर्ता वकील वाजिद खान का आरोप है कि फिल्म ने न्यायपालिका और वकील समुदाय की छवि को नुकसान पहुंचाया है।


न्यायपालिका के अपमान का आरोप

याचिकाकर्ता वाजिद खान ने कहा है कि फिल्म के टीजर में न्यायपालिका का अपमानजनक चित्रण किया गया है। विवाद का एक मुख्य बिंदु यह है कि टीजर में एक जज को 'मामू' कहकर संबोधित किया गया है, जिसे खान ने न्यायिक गरिमा पर हमला बताया है। इसके अलावा, टीजर में वकीलों को लड़ते हुए दिखाया गया है, जो वकील समुदाय की छवि को नकारात्मक रूप से प्रस्तुत करता है। खान ने अक्षय कुमार और अरशद वारसी पर वकीलों और जजों की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का आरोप लगाया है।


कोर्ट ने जारी किया नोटिस

पुणे सिविल कोर्ट में याचिका दायर होने के बाद, कोर्ट ने अक्षय कुमार, अरशद वारसी और फिल्म के निर्देशक को नोटिस जारी किया है, जिसमें उन्हें 28 अक्टूबर 2025 को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है। कोर्ट ने इन आरोपों को गंभीरता से लिया है कि फिल्म न्यायिक अखंडता को कमजोर करती है, जिसके कारण यह कानूनी प्रक्रिया शुरू की गई है।


अजमेर कोर्ट में भी उठी थी शिकायत

मई 2024 में, अजमेर डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन ने अजमेर कोर्ट में फिल्म के निर्माताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी, जिसमें फिल्म में वकीलों और जजों के अनुचित और हास्यास्पद चित्रण का आरोप लगाया गया था। उस समय एसोसिएशन ने फिल्म की शूटिंग रोकने की मांग की थी। हालांकि वह मामला बाद में रुक गया था, लेकिन अब पुणे में दायर याचिका ने इस विवाद को फिर से जीवित कर दिया है।