डोनाल्ड ट्रंप का नया टैरिफ विवाद: भारत पर 25% आयात शुल्क

भारत और अमेरिका के व्यापार संबंधों में नया विवाद
डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ विवाद: अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक संबंध एक बार फिर से विवादों में आ गए हैं। 30 जुलाई को, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के कई उत्पादों पर 25% का आयात शुल्क लगाने का आदेश दिया। इसका कारण बताया गया है कि भारत की व्यापार नीतियों में कुछ आपत्तिजनक पहलू हैं और रूस के साथ भारत के बढ़ते रक्षा संबंध भी एक मुद्दा हैं। यह निर्णय तब आया है जब दोनों देशों के बीच डिजिटल टैक्स, रक्षा सौदों और बाजार पहुंच को लेकर पहले से ही मतभेद गहरे हो चुके हैं।
ट्रंप का 'टैरिफ किंग' आरोप
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ट्रंप ने भारत को एक बार फिर 'टैरिफ किंग' कहकर निशाना बनाया है। उनका कहना है कि भारत विश्व में सबसे ऊंचे आयात शुल्क लगाता है और अमेरिकी उत्पादों के खिलाफ 'गैर-राजस्व आधारित बाधाएं' उत्पन्न करता है। हालांकि, विश्व व्यापार संगठन (WTO) और अमेरिका की ट्रेड रिपोर्ट्स एक अलग तस्वीर पेश करती हैं।
टैरिफ प्रोफाइल 2024
टैरिफ प्रोफाइल 2024
WTO की 'टैरिफ प्रोफाइल 2024' रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका कृषि उत्पादों पर अत्यधिक आयात शुल्क लगाने की क्षमता रखता है:
तंबाकू पर 350% तक
डेयरी उत्पादों पर 200%+
फलों, सब्जियों और प्रसंस्कृत खाद्य वस्तुओं पर 130% तक
अमेरिका से व्यापार समझौता
अमेरिका से व्यापार समझौता
हालांकि, ये शुल्क आमतौर पर तब लागू होते हैं जब आयात मात्रा कोटा से अधिक हो जाती है या निर्यातक देश अमेरिका के साथ व्यापार समझौते में शामिल नहीं होता। विकासशील देशों के लिए ये 'शुल्क चोट' की तरह होते हैं। भारत की रक्षा और ऊर्जा में रूस के साथ संबंध बनाए रखना और डिजिटल सेवाओं पर नियंत्रण जैसी नीतियां अमेरिका को परेशान कर रही हैं।
'टैरिफ किंग' का आरोप
'टैरिफ किंग' होने का आरोप
अमेरिका के नए 25% टैरिफ के साथ, अब भारत से ऑटो पार्ट्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े, जूलरी और खाद्य वस्तुओं का निर्यात महंगा हो जाएगा। NCAER और ICRIER की रिपोर्ट के अनुसार, यदि ये शुल्क जारी रहते हैं, तो भारत की जीडीपी में 0.2% से 0.5% की गिरावट हो सकती है। भारत पर 'टैरिफ किंग' होने का आरोप लगाना भले ही राजनीतिक हो, लेकिन अमेरिका का कृषि शुल्क ढांचा यह दर्शाता है कि असली 'टैरिफ किंग' कौन है।