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तमिलनाडु करूर भगदड़: मुख्यमंत्री ने मुआवजे की घोषणा की

तमिलनाडु के करूर में एक रैली के दौरान हुई भगदड़ में 38 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हुए हैं। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये और घायलों के लिए 1 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है। इसके साथ ही, घटना की जांच के लिए एक आयोग का गठन किया गया है। पुलिस ने रैली के आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जानें इस दुखद घटना के बारे में और क्या कदम उठाए गए हैं।
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तमिलनाडु करूर भगदड़: मुख्यमंत्री ने मुआवजे की घोषणा की

मुख्यमंत्री एके स्टालिन ने की मृतकों के लिए मुआवजे की घोषणा


Tamil Nadu Karur Stampede: करूर में शनिवार को अभिनेता से नेता बने विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) की रैली में एक दुखद घटना घटित हुई। इस भगदड़ में 38 लोगों की जान चली गई और लगभग 50 अन्य घायल हुए हैं, जिनमें से कई की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।


राज्य सरकार ने इस घटना पर गंभीरता से ध्यान दिया है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन को पीड़ितों की सहायता के निर्देश दिए। उन्होंने अपने मंत्रियों को भी घटनास्थल पर जाकर स्थिति को संभालने के लिए कहा। उम्मीद है कि सीएम आज करूर का दौरा करेंगे।


मृतकों के परिजनों को मिलेंगे 10 लाख रुपए

मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि भगदड़ के कारणों की जांच के लिए एक आयोग का गठन किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरुणा जगदीशन करेंगी। उन्होंने मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये और घायलों के लिए 1 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की।


टीवीके पदाधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज

करूर पुलिस ने टीवीके के करूर पश्चिम जिला सचिव वीपी मथियाझागन के खिलाफ भगदड़ के संबंध में मामला दर्ज किया है। कार्यक्रम के दौरान नियमों के उल्लंघन के लिए चार धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है। पुलिस ने बताया कि रैली की अनुमति दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे तक थी, लेकिन भीड़ सुबह 11 बजे से ही इकट्ठा होने लगी थी।


रैली स्थल पर मौजूद थे 500 से अधिक पुलिसकर्मी

डीजीपी जी. वेंकटरमन ने घटना को अत्यंत दुखद बताया और कहा कि भीड़ की संख्या अपेक्षा से कहीं अधिक थी। रैली स्थल पर विजय के संबोधन के लिए 500 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात थे। आयोजकों ने करूर में खुले स्थान में रैली करने से मना कर दिया था, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।


प्रत्यक्षदर्शी बोले- भूखे-प्यासे कर रहे थे इंतजार

एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि वहां कोई व्यवस्था नहीं थी। लोग बच्चों के साथ आए थे और घंटों भूखे-प्यासे खड़े रहे। विजय के आने की सूचना थी, लेकिन वे काफी देर से पहुंचे, जिससे स्थिति बेकाबू हो गई। आयोजकों को इतनी बड़ी भीड़ का अंदाजा था या नहीं, यह कहना मुश्किल है।