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दलेर मेहंदी का 58वां जन्मदिन: संगीत की दुनिया में उनकी यात्रा

दलेर मेहंदी, जो पंजाबी संगीत के क्षेत्र में एक प्रमुख नाम हैं, आज अपने 58वें जन्मदिन का जश्न मना रहे हैं। उनके जीवन की यात्रा, संगीत करियर की उपलब्धियाँ और व्यक्तिगत चुनौतियाँ इस लेख में शामिल हैं। जानें कैसे उन्होंने अपने संघर्षों के बावजूद सफलता हासिल की और संगीत की दुनिया में एक अलग पहचान बनाई।
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दलेर मेहंदी का 58वां जन्मदिन: संगीत की दुनिया में उनकी यात्रा

दलेर मेहंदी का जन्मदिन

जब भी पंजाबी संगीत, खासकर इंडी पॉप और भांगड़ा की चर्चा होती है, दलेर मेहंदी का नाम सबसे पहले आता है। आज, 18 अगस्त को, दलेर मेहंदी अपने 58वें जन्मदिन का जश्न मना रहे हैं। उन्हें अपनी गायकी, अनोखी शैली और अद्भुत ऊर्जा के लिए जाना जाता है। म्यूजिक इंडस्ट्री में उनका एक विशेष स्थान है। हालांकि, उनका यह सफर आसान नहीं रहा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। आइए, उनके जन्मदिन के अवसर पर उनके जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें जानते हैं...


जन्म और परिवार

दलेर मेहंदी का जन्म 18 अगस्त 1967 को पंजाब के पटियाला में हुआ। उन्हें बचपन से ही संगीत का शौक था। उन्होंने गुरबानी और शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ली। लेकिन उनके विद्रोही स्वभाव के कारण, उन्होंने 11 साल की उम्र में घर छोड़ दिया और लुधियाना में एक तबला वादक के साथ रहने लगे। यह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसने उन्हें संगीत की दुनिया में प्रवेश दिलाया।


संगीत करियर

1990 के दशक में, दलेर मेहंदी ने भांगड़ा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। 1995 में उनका एल्बम 'बोलो तारा रा' बेहद सफल रहा। लेकिन उन्हें असली पहचान 1997 में गाने 'तुनक तुनक तुन' से मिली, जो दुनियाभर में लोकप्रिय हुआ और आज भी डांस के लिए पसंदीदा गानों में शामिल है।


निजी जीवन में चुनौतियाँ

हालांकि दलेर मेहंदी की पेशेवर जिंदगी काफी ग्लैमरस रही, उनकी व्यक्तिगत जिंदगी विवादों से भरी रही। 2003 में उन पर कबूतरबाजी का आरोप लगा, जिसके चलते उन्हें कुछ रातें जेल में बितानी पड़ीं। हालांकि, बाद में उन्हें इस मामले से बरी कर दिया गया। इस घटना ने उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया, लेकिन उन्होंने मुश्किल समय में भी हार नहीं मानी और खुद को साबित किया। उन्होंने बॉलीवुड में 'रंग दे बसंती' और 'मिर्जया' जैसी फिल्मों में गाने गाकर अपनी पहचान बनाई।