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दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक, स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति पर पहुंच गया है, जहां एक्यूआई 473 तक पहुंच गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे जीवन के लिए अत्यंत हानिकारक मानते हैं। इस लेख में जानें कि कैसे बढ़ते प्रदूषण का स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है और विशेषज्ञों की क्या सलाह है।
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दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक, स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की गंभीर स्थिति

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण ने गंभीर स्थिति को छू लिया है, और हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। ग्रेटर नोएडा को देश के सबसे प्रदूषित शहरों में पहले स्थान पर रखा गया है। मंगलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 454 तक पहुंच गया था, जबकि बुधवार की सुबह नॉलेज पार्क–V स्टेशन पर यह बढ़कर 473 तक पहुंच गया, जो इस सीजन का सबसे उच्च स्तर है। 


यह एक्यूआई स्तर 'गंभीर श्रेणी' से भी अधिक है, और स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे जीवन के लिए अत्यंत हानिकारक मानते हैं। दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद की स्थिति भी चिंताजनक है। दिल्ली के कई मॉनिटरिंग स्टेशनों पर एक्यूआई 400 से 450 के बीच दर्ज किया गया, जबकि नोएडा के सेक्टर-125, सेक्टर-116 और सेक्टर-1 में प्रदूषण का स्तर 430 से 445 के बीच बना हुआ है।


गाजियाबाद में संजय नगर और लोनी में एक्यूआई 440 से ऊपर दर्ज किया गया है, जो बढ़ते प्रदूषण की गंभीरता को दर्शाता है। यह स्थिति तब बनी है जब दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रेप -3) के नियम लागू हैं। इस चरण में निर्माण गतिविधियों पर रोक, जेनरेटर सेट पर प्रतिबंध, डीजल ट्रकों की एंट्री पर नियंत्रण और सड़क पर पानी का छिड़काव जैसे कई सख्त कदम उठाए जाते हैं। फिर भी, प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण नहीं हो पा रहा है।


विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ते वाहनों, कचरा जलाने, निर्माण कार्य, औद्योगिक धुंआ और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने जैसी गतिविधियां हवा की गुणवत्ता को और खराब कर रही हैं। मौसम विभाग के अनुसार, इस सप्ताह तेज़ हवाओं या बारिश की संभावना नहीं है, और न्यूनतम तापमान लगभग 11 डिग्री सेल्सियस तथा अधिकतम 26 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। इससे प्रदूषक कण वातावरण में फंसे रहेंगे, जिससे प्रदूषण में राहत की संभावना कम है।


डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि इस स्तर की हवा बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और हृदय या श्वास संबंधी रोगियों के लिए अत्यंत खतरनाक है। उन्होंने लोगों को सलाह दी है कि वे अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें, मास्क पहनें और सुबह-शाम की सैर से बचें।