Newzfatafatlogo

दीपिका पादुकोण की सफलता की नई परिभाषा: मानसिक शांति

दीपिका पादुकोण ने हाल ही में ग्लोबल लीडरशिप समिट में अपनी सफलता की नई परिभाषा साझा की। उन्होंने बताया कि अब उनके लिए सफलता का मतलब मानसिक शांति और संतुलन है, न कि भौतिक चीजें। बचपन में सफलता का माप बाहरी चीजों से होता था, लेकिन अब वह इसे मानसिक स्वास्थ्य से जोड़ती हैं। जानें दीपिका के विचार और उनके जीवन के अनुभवों के बारे में।
 | 
दीपिका पादुकोण की सफलता की नई परिभाषा: मानसिक शांति

दीपिका पादुकोण की सफलता का नया दृष्टिकोण


बॉलीवुड की प्रमुख अभिनेत्रियों में से एक दीपिका पादुकोण ने सफलता की अपनी परिभाषा को पूरी तरह से बदल दिया है। पहले, सफलता का मतलब था महंगी गाड़ियां, भव्य घर और एक ग्लैमरस जीवनशैली, लेकिन अब उनके लिए यह एक शब्द नहीं, बल्कि मानसिक शांति का प्रतीक बन गया है। ग्लोबल लीडरशिप समिट में दीपिका ने साझा किया कि कैसे उन्होंने अवसाद और चिंता से जूझते हुए असली सफलता को पहचाना है- 'स्वस्थ मन ही सच्ची जीत है।'


बचपन में सफलता का अर्थ भौतिक चीजें

दीपिका ने बताया कि बचपन में उनकी सफलता का माप बाहरी चीजों से होता था- जैसे कि किसके पास कौन सी कार है या किसके घर में कितनी सुविधाएं हैं। उन्होंने कहा, 'अगर कोई दोस्त विदेश से चॉकलेट लाता था, तो उसे अमीर और सफल समझा जाता था।'


मानसिक शांति है असली सफलता

दीपिका ने कहा कि उम्र और अनुभव के साथ उनकी सोच में बदलाव आया है। उन्होंने कहा, 'अब मेरे लिए सफलता का मतलब है कि मैं सुबह उठूं और चिंता या अवसाद का अनुभव न करूं। अगर मेरा मन और शरीर संतुलित हैं, तो वही असली सफलता है।' उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य को जीवन की सबसे महत्वपूर्ण संपत्ति बताया।


समय को बताया सबसे कीमती संसाधन

दीपिका ने कहा कि आज के समय में, समय सबसे दुर्लभ और मूल्यवान चीज है। 'मेरे लिए अब सफलता यह है कि मैं अपना समय किसके साथ और कैसे बिताती हूं। जिस पल को मैं सच में महसूस कर पाऊं, वही जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है।'


मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बोलीं दीपिका

उन्होंने बताया कि जब उन्होंने अवसाद के बारे में बात की, तो कुछ लोगों ने उनकी नीयत पर सवाल उठाए। 'कई लोगों ने कहा कि मैं किसी दवा कंपनी का प्रचार कर रही हूं या फिल्म का प्रमोशन कर रही हूं। लेकिन हमने ईमानदारी से काम किया और सही संदेश लोगों तक पहुंचाया।'


दृढ़ता और साहस से बनी प्रेरणा

दीपिका ने याद किया कि 16 साल की उम्र में परिवार छोड़कर मुंबई आना उनके जीवन का सबसे साहसी कदम था। उन्होंने कहा, 'जब सब एक दिशा में चलते हैं, मैं अक्सर दूसरी दिशा में जाने की हिम्मत करती हूं- यही मेरी पहचान है।'