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दुनिया में फिर से चर्चा का विषय बनी 'डूम्सडे फिश'

हाल ही में तमिलनाडु और तस्मानिया में डूम्सडे फिश की उपस्थिति ने प्राचीन किंवदंतियों को फिर से जीवित कर दिया है। इस रहस्यमय जीव को लेकर कई अंधविश्वास और मिथक जुड़े हुए हैं, जो इसे समुद्र के देवताओं का दूत मानते हैं। क्या यह जीव आने वाले भूकंप या सुनामी का संकेत है? जानें इस अद्भुत समुद्री जीव के बारे में और इसके ऐतिहासिक संदर्भ के बारे में।
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दुनिया में फिर से चर्चा का विषय बनी 'डूम्सडे फिश'

डूम्सडे फिश: एक रहस्यमय समुद्री जीव

डूम्सडे फिश: यह मछली किसी किंवदंती से निकली हुई प्रतीत होती है, जिसमें धातु के तराजू, लंबी चांदी जैसी रिबन, चमकदार लाल शिखा और एक डरावनी उपस्थिति है। यह दृश्य भारत के तमिलनाडु के तट पर घटित हुआ, जहां मछुआरों ने एक गहरे समुद्र के जीव को पकड़ा, जिसे 'डूम्सडे फिश' के नाम से जाना जाता है। इसे आधिकारिक तौर पर ओरफिश (रेगेलेकस ग्लेसने) कहा जाता है, जो एक दुर्लभ और विशाल समुद्री जीव है।


तमिलनाडु और तस्मानिया में डूम्सडे फिश की उपस्थिति

हाल ही में, तमिलनाडु और तस्मानिया में इसकी अचानक उपस्थिति ने जापानी और वैश्विक लोककथाओं में निहित प्राचीन डर को फिर से जीवित कर दिया है। क्या ओरफिश आने वाले भूकंप या सुनामी का संकेत देती है? यह रहस्यमय जीव समुद्र की गहराइयों में रहता है, आमतौर पर 200 से 1,000 मीटर की गहराई पर, मानव दृष्टि से दूर। जब यह जीव उथले पानी में आता है या किनारे पर दिखाई देता है, तो यह अंधविश्वास और भय का कारण बनता है।


ओरफिश और भूकंप का संबंध


ओरफिश का ऐतिहासिक संदर्भ

2011 की जापानी सुनामी के समय भी दिखा था ओरफिश

30 फीट तक लंबा, सांप जैसा शरीर और लाल रंग का पृष्ठीय पंख वाला, ओरफिश इतना अद्भुत है कि प्राचीन संस्कृतियों ने इसे समुद्री देवताओं का दूत माना। जापानी लोककथाओं में, इसे 'समुद्र देवता के महल से दूत' के रूप में जाना जाता है, जो समुद्र के नीचे भूकंप से पहले सतह पर आता है।

लोगों ने 2011 की जापान सुनामी को याद किया, जब कई ओरफिश देखी गई थीं। मेक्सिको और चिली में भूकंप से पहले भी इसी तरह की घटनाएँ सामने आई थीं। हालांकि वैज्ञानिक इस संबंध को खारिज करते हैं, लेकिन इन घटनाओं का समय और दुर्लभता लोगों की कल्पना को झकझोरती रहती है।