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द्रौपदी के वस्त्रहरण का सीन: रूपा गांगुली की भावनात्मक परफॉर्मेंस

बी.आर. चोपड़ा की महाभारत में द्रौपदी का वस्त्रहरण दृश्य भारतीय टेलीविजन के सबसे यादगार क्षणों में से एक है। रूपा गांगुली ने इस किरदार को इतनी गहराई से निभाया कि दर्शक उनके दर्द को महसूस कर सके। इस लेख में जानें कि इस दृश्य की शूटिंग कैसे हुई और रूपा की भावनाएं शूटिंग के बाद कैसे बदल गईं।
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द्रौपदी के वस्त्रहरण का सीन: रूपा गांगुली की भावनात्मक परफॉर्मेंस

बी.आर. चोपड़ा की महाभारत: एक ऐतिहासिक धारावाहिक


बी.आर. चोपड़ा की महाभारत: बी.आर. चोपड़ा द्वारा निर्मित महाभारत को भारतीय टेलीविजन के सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में से एक माना जाता है। यह प्रसिद्ध पौराणिक धारावाहिक भारतीय परिवारों का एक अभिन्न हिस्सा बन गया, जिसमें दृश्य बेहद वास्तविक और भावनात्मक रूप से गहराई से जुड़े हुए थे।


द्रौपदी के वस्त्रहरण का सीन: रूपा गांगुली की भावनात्मक परफॉर्मेंस


इस धारावाहिक के कई दृश्यों में से एक ने दर्शकों को गहराई से प्रभावित किया — द्रौपदी का वस्त्रहरण। दशकों बाद भी, यह दृश्य दर्शकों को भावुक कर देता है।


रूपा गांगुली का द्रौपदी का प्रभावशाली किरदार

द्रौपदी के वस्त्रहरण का सीन: रूपा गांगुली की भावनात्मक परफॉर्मेंस


द्रौपदी का किरदार निभाने वाली रूपा गांगुली ने इतनी बेहतरीन अदाकारी की कि दर्शकों को लगा कि वे असली द्रौपदी को देख रहे हैं। उनका प्रदर्शन केवल अभिनय नहीं था, बल्कि इसमें वास्तविक दर्द, अपमान और गहराई झलकती थी। द्रौपदी का किरदार कहानी में महत्वपूर्ण था, और रूपा ने इसे बखूबी निभाया।


वस्त्रहरण सीन की शूटिंग का अनुभव

द्रौपदी के वस्त्रहरण का सीन: रूपा गांगुली की भावनात्मक परफॉर्मेंस


वस्त्रहरण का दृश्य शो के सबसे संवेदनशील और भावनात्मक क्षणों में से एक माना जाता है। इसे फिल्माने के बाद, रूपा गांगुली इतनी भावुक हो गईं कि कहा जाता है कि वह घंटों तक रोती रहीं। यहां बताया गया है कि बी.आर. चोपड़ा के दृष्टिकोण में यह ऐतिहासिक दृश्य कैसे जीवंत हुआ।


सेट पर गहरा माहौल

द्रौपदी के वस्त्रहरण का सीन: रूपा गांगुली की भावनात्मक परफॉर्मेंस


इस दृश्य को फिल्माने से पहले, बी.आर. चोपड़ा और रवि चोपड़ा ने कलाकारों को घटना के दर्द और अन्याय को गहराई से महसूस करने के लिए प्रेरित किया। सेट पर माहौल भारी और बहुत भावुक था।


रूपा गांगुली ने द्रौपदी के किरदार में पूरी तरह से डूबकर अपनी परफॉर्मेंस में वास्तविकता लाने के लिए खुद को इस अपमान का अनुभव कराया।


द्रौपदी को दरबार में खींचा गया

द्रौपदी के वस्त्रहरण का सीन: रूपा गांगुली की भावनात्मक परफॉर्मेंस


दुशासन द्वारा द्रौपदी को कौरव दरबार में खींचने और उनके कपड़े उतारने की कोशिश करने का दृश्य बहुत सावधानी और संवेदनशीलता के साथ फिल्माया गया था। इस दृश्य में क्रूरता और अपमान को दिखाया गया था, जिसे रूपा ने अद्भुत वास्तविकता के साथ प्रस्तुत किया।


रूपा की चीखें, इंसाफ के लिए उनकी गुहार और उनका भावनात्मक टूटना सेट पर सभी को चौंका दिया। इस आइकॉनिक दृश्य को शूट करने के लिए, प्रोडक्शन टीम ने उस समय के सबसे बेहतरीन तकनीकी तरीकों का उपयोग किया। वस्त्रहरण दृश्य के लिए विशेष रूप से 250 मीटर लंबी साड़ी बनाई गई थी, जो फाइनल टेलीकास्ट में दिखाई देती है।


भगवान कृष्ण ने द्रौपदी को बचाया

द्रौपदी के वस्त्रहरण का सीन: रूपा गांगुली की भावनात्मक परफॉर्मेंस


जब द्रौपदी भगवान कृष्ण को मदद के लिए पुकारती हैं, तो वह क्षण इस महाकाव्य के सबसे यादगार हिस्सों में से एक बन जाता है। रूपा ने उन संवादों को इतनी गहराई से बोला कि क्रू के सदस्य भी भावुक हो गए। उनकी अदाकारी ने दर्शकों को यकीन दिलाया कि वह द्रौपदी के दर्द को जी रही हैं, न कि केवल उसे निभा रही हैं।


शूटिंग के बाद रूपा की भावनाएं

पूरा वस्त्रहरण दृश्य एक ही टेक में शूट किया गया। जैसे ही निर्देशक ने “CUT” कहा, सेट पर सन्नाटा छा गया।


रूपा गांगुली, जो इस दृश्य के भावनाओं में पूरी तरह डूबी हुई थीं, अपने मेकअप रूम में भागीं और फूट-फूटकर रो पड़ीं। वह घंटों तक अपने किरदार के दर्द से खुद को अलग नहीं कर पा रही थीं। उनकी परफॉर्मेंस भारतीय टेलीविजन के सबसे यादगार क्षणों में से एक बन गई।