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धनास कच्ची कॉलोनी के खिलाफ प्रदर्शन: प्रशासन की योजना पर उठे सवाल

धनास की कच्ची कॉलोनी के निवासियों ने प्रशासन की योजना के खिलाफ एक जोरदार प्रदर्शन किया। प्रेमपाल चौहान के नेतृत्व में हुए इस आंदोलन में स्थानीय नेताओं ने स्थायी आवास की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी पर भी आरोप लगाया कि उन्होंने अपने वादों को पूरा नहीं किया। जानें इस आंदोलन की पूरी कहानी और इसके पीछे की वजहें।
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धनास कच्ची कॉलोनी के खिलाफ प्रदर्शन: प्रशासन की योजना पर उठे सवाल

धनास कॉलोनी में विरोध प्रदर्शन


चंडीगढ़ समाचार: धनास की कच्ची कॉलोनी के निवासियों ने प्रशासन की योजना के खिलाफ 'आपकी आवाज पार्टी' के अध्यक्ष प्रेमपाल चौहान के नेतृत्व में एक जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में कॉलोनी प्रधान श्रीमती बाला, अरुण कुमार, तेजपाल, उदयभान, शाहनूर चौधरी, राज दुलारी, सोनिया और संतोष शर्मा जैसे प्रमुख लोग शामिल हुए। प्रेमपाल चौहान ने प्रशासन से मांग की कि 2006 के आधार पर बायोमेट्रिक सर्वे करवा कर कॉलोनीवासियों को स्थायी आवास प्रदान किया जाए।


उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने चुनाव जीतने के बाद से एक बार भी कॉलोनी में आकर लोगों की समस्याओं को नहीं सुना। प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया। प्रेमपाल चौहान ने इन तीनों पार्टियों को जनविरोधी बताते हुए कहा कि ये केवल सत्ता की भूख के लिए काम कर रही हैं और गरीबों की समस्याओं से इन्हें कोई सरोकार नहीं है।


प्रेमपाल चौहान ने कहा कि 'आपकी आवाज पार्टी' का गठन इन पार्टियों की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ किया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी लड़ाई संवैधानिक तरीके से लड़ी जाएगी और लोगों के अधिकारों का संरक्षण किया जाएगा। उन्होंने मनीष तिवारी से इस्तीफे की मांग की, यह कहते हुए कि वे पूरी तरह से विफल हो चुके हैं और सबसे झूठे सांसद साबित हुए हैं।


मनीष तिवारी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था कि वे कच्ची कॉलोनियों के निवासियों को स्थायी आवास दिलाएंगे, ठेकेदारी प्रथा पर काम करने वालों को स्थायी नौकरी देंगे, हाउसिंग बोर्ड के मकानों में रहने वालों को मालिकाना हक दिलाएंगे और डंपिंग ग्राउंड को हटाएंगे। लेकिन अब तक उन्होंने इनमें से कोई भी वादा पूरा नहीं किया है। प्रेमपाल चौहान ने कहा कि उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।