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धनुष की फिल्म 'कुबेर' का रिव्यू: एक दिलचस्प कहानी और शानदार प्रदर्शन

धनुष की नई फिल्म 'कुबेर' ने दर्शकों का ध्यान खींचा है। यह फिल्म एक बिजनेस टाइकून की कहानी है, जो एक गुप्त तेल भंडार की खोज में है। फिल्म में करप्ट सिस्टम से संघर्ष, रिश्तों में धोखा और उम्मीद की कहानी को दर्शाया गया है। जानें फिल्म की कहानी, कलाकारों का प्रदर्शन और इसे मिले स्टार रेटिंग के बारे में।
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फिल्म का परिचय

Ashwani Kumar: तमिल सिनेमा के मशहूर अभिनेता धनुष की नई फिल्म 'कुबेर' आज 20 जून को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हो गई है। इस फिल्म का दर्शकों को लंबे समय से इंतजार था, और अब यह इंतजार खत्म हो चुका है। दर्शक अब फिल्म पर अपनी प्रतिक्रियाएं देने लगे हैं। यदि आप भी फिल्म देखने से पहले इसके बारे में जानना चाहते हैं, तो आप सही जगह पर हैं। आइए जानते हैं धनुष की फिल्म 'कुबेर' कैसी है?


कहानी का सार

कहानी का सार


यह कहानी शेखर और चैतन्य द्वारा लिखी गई है, जिसमें एक बिजनेस टाइकून नीरज मित्रा के बड़े सपनों का जिक्र है। नीरज को बे ऑफ बंगाल में एक छिपा हुआ तेल भंडार मिलता है, जिसे वह अपने राजनीतिक संबंधों के माध्यम से एक बड़ा धन बनाने के अवसर के रूप में देखता है। इस योजना को लागू करने के लिए, वह पूर्व सीबीआई अधिकारी दीपक को मोहरा बनाता है, जिसे एक फर्जी भ्रष्टाचार मामले में जेल भेजा गया है। अब दीपक को मजबूरन नीरज की साजिश को पूरा करना है।


गुप्त मिशन की तैयारी

गुप्त मिशन की तैयारी


दीपक पूरे देश से भिखारियों का एक समूह बनाता है, जो उसके गुप्त मिशन को चुपचाप पूरा कर सके। इस समूह में देवा भी शामिल है, जिसे नहीं पता कि वह किस साजिश का हिस्सा बन रहा है। जब उसे सच्चाई का पता चलता है, तो उसकी जान को खतरा होता है। देवा भागने की कोशिश करता है और समीरा से टकरा जाता है।


करप्ट सिस्टम से संघर्ष

करप्ट सिस्टम से संघर्ष


फिल्म में संघर्ष, विश्वास और एक भ्रष्ट सिस्टम से टकराने की कहानी है। रिश्तों में धोखा और लालच से भरी इस दुनिया में उम्मीद की एक किरण भी है। कहानी की शुरुआत में कुबेरा की दुनिया और उसके पात्रों का परिचय थोड़ा धीमा है, लेकिन प्री-क्लाइमेक्स और क्लाइमेक्स में शेखर कम्मुला ने बेहतरीन संवाद और भावनात्मक तनाव को बुनकर इसे दिलचस्प बना दिया है।


फिल्म की विशेषताएँ

फिल्म की विशेषताएँ


यदि फिल्म को थोड़ा और संपादित किया जाता, तो इसकी गहराई और बढ़ सकती थी। दीपिका और देवा के बीच का रिश्ता फिल्म की सबसे बड़ी विशेषता है, जबकि समीरा के किरदार को कम ही दर्शाया गया है। कुबेरा की सिनेमैटोग्राफी शानदार है, जिसमें हर फ्रेम को निकेथ बॉम्मीरेड्डी ने खूबसूरती से कैद किया है।


कलाकारों का प्रदर्शन

कलाकारों का प्रदर्शन


धनुष के साथ कुबेरा की दुनिया को जीवंत बनाने के लिए आर्ट और मेकअप टीम की तारीफ करनी चाहिए। रॉकस्टार DSP का बैकग्राउंड स्कोर भी शानदार है। धनुष ने अपने किरदार में जान डाल दी है, और उनकी परफॉर्मेंस की चर्चा दूर-दूर तक होगी।


फिल्म को मिले 3.5 स्टार

फिल्म को मिले 3.5 स्टार


दीपिका के किरदार में गहराई दिखाई गई है, जो दर्शाती है कि नागार्जुना ने इस भूमिका को क्यों स्वीकार किया। रश्मिका मंदाना ने अपने सीमित स्पेस में भी प्रभाव छोड़ा है। जिम सरभ ने नीरज के किरदार में बेहतरीन काम किया है। कुबेरा की कहानी गरीबी, शक्ति और धोखे की दुनिया में विश्वास को जीवित रखने की कहानी है, जो बेहतरीन प्रस्तुति और अद्भुत प्रदर्शन के साथ उभरती है। कुबेरा को 3.5 स्टार दिए गए हैं।