Newzfatafatlogo

धर्मेंद्र का निधन: भारतीय सिनेमा के एक युग का अंत

प्रसिद्ध अभिनेता धर्मेंद्र का निधन 89 वर्ष की आयु में हुआ, जो भारतीय सिनेमा के लिए एक युग का अंत है। उनकी अंतिम फिल्म 'इक्कीस' 25 दिसंबर, 2025 को रिलीज़ होगी, जिसमें वह ब्रिगेडियर एम. एल. खेत्रपाल का किरदार निभा रहे हैं। यह फिल्म न केवल उनकी कला का सम्मान करती है, बल्कि उनके जीवन की गहरी भावनाओं को भी दर्शाती है। जानें उनके जीवन और करियर के बारे में इस लेख में।
 | 
धर्मेंद्र का निधन: भारतीय सिनेमा के एक युग का अंत

धर्मेंद्र का निधन

प्रसिद्ध अभिनेता धर्मेंद्र का निधन सोमवार को मुंबई में उनके निवास पर 89 वर्ष की आयु में हुआ। उन्हें हाल ही में सांस लेने में कठिनाई के कारण ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।


धर्मेंद्र का निधन उनके 90वें जन्मदिन से कुछ दिन पहले हुआ, जो 8 दिसंबर, 2025 को मनाया जाने वाला था। उनका अंतिम संस्कार पवन हंस श्मशान घाट पर किया गया। सांस की समस्या के चलते उन्हें 31 अक्टूबर को अस्पताल में भर्ती किया गया था।


बॉलीवुड के ही-मैन के नाम से मशहूर धर्मेंद्र ने छह दशकों से अधिक का एक अद्भुत सिनेमाई सफर तय किया है। उनकी अंतिम फिल्म 'इक्कीस' होगी, जो 25 दिसंबर, 2025 को रिलीज़ होने वाली है।


इक्कीस: अगस्त्य नंदा की वॉर ड्रामा

धर्मेंद्र का पहला लुक दर्शकों में गहरी भावनाएँ जगा रहा है। मैडॉक फिल्म्स द्वारा जारी किया गया यह पोस्टर, उन्हें ब्रिगेडियर एम. एल. खेत्रपाल के भावुक अवतार में प्रस्तुत करता है, जो 21 वर्षीय परमवीर चक्र विजेता अरुण खेत्रपाल के पिता हैं।


1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान अरुण ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। धर्मेंद्र की आँखों में खामोशी, गर्व और दुख का मिश्रण है, जो एक ऐसे पिता की कहानी बयां करता है जिसने एक नायक को पाला। टैगलाइन, 'पिता बेटों को पालते हैं। लेजेंड्स देश को पालते हैं,' इस फिल्म की देशभक्ति और पिता-पुत्र के रिश्ते को जोड़ती है।


धर्मेंद्र का इमोशनल लुक

धर्मेंद्र का इक्कीस से पहला लुक उनके निधन के बाद और भी भावुक हो गया है, जिससे यह फिल्म उनके लिए एक गहरी विदाई बन जाती है। यह पोस्टर एक ऐसे कलाकार के जाने का प्रतीक है जिसने भारतीय सिनेमा की कई पीढ़ियों को अपनी कला से प्रभावित किया।


इस फिल्म में, वह ब्रिगेडियर एम. एल. खेत्रपाल का किरदार निभा रहे हैं, जो गर्व और असहनीय दुख दोनों का सामना कर रहे हैं। यह कहानी दर्शकों के दिलों में गहराई से जुड़ती है, जो इस आइकॉन के निधन का शोक मना रहे हैं।


इक्कीस: एक अनोखी श्रद्धांजलि

आखिरकार, इक्कीस अब एक ऐसा वज़न उठाती है जिसकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी; यह न केवल अरुण खेत्रपाल की बहादुरी को सम्मानित करती है, बल्कि धर्मेंद्र की अद्भुत सिनेमाई यात्रा का अंतिम अध्याय भी है। उनका अंतिम फ्रेम एक पल बन जाता है, जो दर्शाता है कि कैसे लेजेंड कभी नहीं जाते; वे कहानियों के माध्यम से जीवित रहते हैं।


जैसे-जैसे दर्शक इस फिल्म के क्रिसमस रिलीज़ का इंतज़ार कर रहे हैं, यह फिल्म केवल एक वॉर ड्रामा नहीं, बल्कि हिम्मत, त्याग और सिनेमा की शक्ति का जश्न है।


धर्मेंद्र की विरासत