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धर्मेंद्र की पसंदीदा पूरन पोली: एक दिलचस्प किस्सा

इस लेख में हम धर्मेंद्र की पसंदीदा मिठाई पूरन पोली के बारे में एक दिलचस्प किस्सा साझा कर रहे हैं। यह किस्सा न केवल उनके स्वाद को दर्शाता है, बल्कि उनकी विनम्रता और सार्वजनिक जीवन में उनके दृष्टिकोण को भी उजागर करता है। जानिए कैसे एक साधारण मिठाई ने एक राजनीतिक घटना का रूप ले लिया और धर्मेंद्र ने इसे किस तरह से स्वीकार किया।
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धर्मेंद्र की पसंदीदा पूरन पोली: एक दिलचस्प किस्सा

धर्मेंद्र की पसंदीदा मिठाई और एक यादगार किस्सा

महाराष्ट्र का प्रसिद्ध व्यंजन 'पूरन पोली' अभिनेता धर्मेंद्र के लिए विशेष महत्व रखता था। यह किस्सा दर्शाता है कि महान अभिनेता केवल फिल्मी दुनिया में ही नहीं, बल्कि अपने सार्वजनिक जीवन में भी प्रेरणादायक होते हैं। बॉलीवुड के मशहूर ही-मैन धर्मेंद्र अपनी शानदार उपस्थिति और विनम्रता के लिए जाने जाते थे, लेकिन उनकी एक खास पसंद थी - घी में लिपटी पूरन पोली।


धर्मेंद्र के निधन के बाद, छत्रपति संभाजीनगर के पूर्व विधान परिषद सदस्य श्रीकांत जोशी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में उस दिन को याद किया जब पूरन पोली एक राजनीतिक घटना का हिस्सा बनी।


बिकानेर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद धर्मेंद्र को बुलढाणा जिले के खामगांव में एक पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होना था। लेकिन भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष पांडुरंग फुंडकर (भाऊसाहेब) चाहते थे कि धर्मेंद्र समय पर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचें। जोशी को उन्हें छत्रपति संभाजीनगर में दोपहर तक रोकने की जिम्मेदारी दी गई।


जोशी ने धर्मेंद्र का गर्मजोशी से स्वागत किया, और उनकी पत्नी किरण ने साबुदाना खिचड़ी, पोहा और आलू पराठा जैसे स्वादिष्ट नाश्ते की व्यवस्था की।


हालांकि, नाश्ता करने के बाद भी तीन घंटे का समय शेष था। तभी जोशी की पत्नी ने पूरन पोली पेश करने का सुझाव दिया। धर्मेंद्र की आंखों में खुशी झलक उठी और उन्होंने कहा, 'पूरन पोली मेरी कमजोरी है, मैं इसे जरूर खाऊंगा।'


पूरन पोली का आनंद लेते हुए और पत्रकारों तथा परिवार के साथ तस्वीरें खिंचवाते हुए समय का पता ही नहीं चला। जब जोशी ने देरी का कारण बताया, तो धर्मेंद्र ने गुस्सा नहीं किया। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, 'जब मैंने राजनीति में कदम रखा, तो मैंने समझ लिया कि मेरा जीवन अब मेरा व्यक्तिगत जीवन नहीं रहा; यह आम लोगों का है। आप लोग यह सब जनता के लिए कर रहे हैं, है ना? तो मैं आपसे नाराज कैसे हो सकता हूं?'


धर्मेंद्र की इस विनम्रता ने जोशी को गहराई से प्रभावित किया। उन्होंने महसूस किया कि एक सच्चे नायक की महानता केवल फिल्मी पर्दे तक सीमित नहीं होती, बल्कि धैर्य, विनम्रता और दूसरों को महत्व देने का संस्कार भी एक सच्चे नायक के गुण हैं। 'पूरन पोली' महाराष्ट्र की एक पारंपरिक मीठी रोटी है, जिसे चने की दाल और गुड़ या चीनी के मिश्रण से भरा जाता है।