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धुरंधर: रणवीर सिंह की ब्लॉकबस्टर फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर मचाई धूम

रणवीर सिंह की नई फिल्म 'धुरंधर' ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार कमाई की है, लेकिन पाकिस्तान में बैन के कारण इसे पायरेटेड रूप में देखा जा रहा है। जानें इस फिल्म की सफलता और बैन के प्रभाव के बारे में।
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धुरंधर: रणवीर सिंह की ब्लॉकबस्टर फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर मचाई धूम

धुरंधर की सफलता की कहानी


मुंबई: बॉलीवुड की नई हिट फिल्म 'धुरंधर' इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। आदित्य धर द्वारा निर्देशित इस स्पाई थ्रिलर में रणवीर सिंह मुख्य भूमिका में नजर आ रहे हैं। फिल्म में अक्षय खन्ना, संजय दत्त, अर्जुन रामपाल और आर माधवन जैसे प्रमुख सितारे भी शामिल हैं। कहानी एक भारतीय जासूस की है, जो पाकिस्तान के कराची में घुसपैठ कर आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करता है।


यह फिल्म एक्शन, सस्पेंस और देशभक्ति से भरपूर है, जो दर्शकों को थिएटर में बांधे रखती है। 'धुरंधर' ने भारत में बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन किया है। रिलीज के केवल 13 दिनों में, इसने भारत में 437 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की है। वैश्विक स्तर पर इसकी कमाई 639 करोड़ रुपये को पार कर चुकी है, और उम्मीद है कि यह जल्द ही 700 करोड़ का आंकड़ा छू लेगी।


पाकिस्तान में बैन के बावजूद धुरंधर की लोकप्रियता


रणवीर सिंह की यह फिल्म अब तक की सबसे बड़ी हिट बन गई है। दर्शक रणवीर के बेहतरीन अभिनय और फिल्म के एक्शन दृश्यों की सराहना कर रहे हैं। हालांकि, पाकिस्तान में 'धुरंधर' को बैन कर दिया गया है, क्योंकि इसमें पाकिस्तान की कुछ घटनाओं और स्थलों को दिखाया गया है, जिसे वहां प्रोपेगैंडा माना जा रहा है। कई खाड़ी देशों में भी फिल्म पर रोक लगाई गई है, फिर भी पाकिस्तानी दर्शकों की उत्सुकता कम नहीं हुई है।



रिपोर्टों के अनुसार, फिल्म के रिलीज के पहले दो हफ्तों में पाकिस्तान में इसे 20 लाख से अधिक बार अवैध रूप से डाउनलोड किया गया है। इस तरह, 'धुरंधर' पाकिस्तान की सबसे ज्यादा पायरेटेड फिल्म बन गई है। इससे पहले रजनीकांत की '2.0' और शाहरुख खान की 'रईस' इस लिस्ट में शीर्ष पर थीं, लेकिन अब रणवीर की फिल्म ने उन्हें पीछे छोड़ दिया है। बैन के कारण लोग वीपीएन, टेलीग्राम चैनल्स और अंडरग्राउंड साइट्स का सहारा लेकर फिल्म देख रहे हैं।


बैन से मेकर्स को हुआ घाटा


यह स्थिति यह दर्शाती है कि बॉलीवुड की पहुंच और लोकप्रियता सीमाओं के पार कितनी मजबूत है। हालांकि, पायरेसी के कारण फिल्म निर्माताओं को नुकसान हो रहा है। अनुमान है कि पाकिस्तान और खाड़ी देशों में बैन के कारण निर्माताओं को 50-60 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। फिर भी, फिल्म की सफलता का सिलसिला जारी है।