नेटफ्लिक्स और वार्नर ब्रदर्स का सौदा: भारतीय सिनेमा पर संभावित प्रभाव
नेटफ्लिक्स-वार्नर ब्रदर्स डील का असर
भारत में सिनेमाघर इस समय एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं। हाल ही में नेटफ्लिक्स ने हॉलीवुड की प्रमुख कंपनी वॉर्नर ब्रदर्स डिस्कवरी को खरीदने की घोषणा की है, जिससे भारतीय फिल्म उद्योग में हलचल मच गई है। मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (MAI) ने इस प्रस्तावित सौदे पर चिंता जताते हुए कहा है कि यह भारतीय थिएटर आधारित फिल्म अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
महत्वपूर्ण फिल्मों की संख्या में कमी
MAI ने इस सौदे के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है। यह संगठन 2002 में स्थापित हुआ था और वर्तमान में 11 से अधिक मल्टीप्लेक्स समूहों और 550 से ज्यादा स्थानों का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें लगभग 3,000 पर्दे शामिल हैं। MAI के अध्यक्ष कमल गियानचंदानी ने कहा कि इस डील के परिणामस्वरूप सिनेमाघरों में आने वाली महत्वपूर्ण फिल्मों की संख्या में कमी आएगी। भारत का सिनेमाघर बाजार विविधता और दर्शकों के विकल्पों पर निर्भर है, ऐसे में थिएटर-प्रथम मॉडल कमजोर होगा।
MAI के सवाल
नेटफ्लिक्स ने हाल ही में वॉर्नर ब्रदर्स डिस्कवरी के स्टूडियो और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को लगभग 72 अरब अमेरिकी डॉलर में खरीदने की योजना का ऐलान किया है। यह सौदा तभी पूरा होगा जब वार्नर कंपनी अपने डिस्कवरी ग्लोबल विभाग को अलग कर एक नई सार्वजनिक कंपनी बनाएगी। MAI ने इस डील के नकारात्मक पहलुओं को उजागर करते हुए कई सवाल उठाए हैं, जिसमें टिकट बिक्री, फिल्म की उपलब्धता और सिनेमा प्रणाली पर इसके प्रभाव शामिल हैं।
उच्च स्तर की फिल्मों की कमी
MAI का कहना है कि यह एक ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो पहले से ही थियेटर्स में फिल्में दिखाने को प्राथमिकता नहीं देता। इस डील के परिणामस्वरूप सिनेमाघरों में मिलने वाली उच्च स्तर की फिल्मों की संख्या में कमी आ सकती है। यदि नेटफ्लिक्स इस स्टूडियो का मालिक बन जाता है, तो फिल्म रिलीज की नीति में बदलाव की संभावना है, जिससे इंटरनेट-प्रथम मॉडल को बढ़ावा मिलेगा।
