नेपाल में जेन-जी आंदोलन: पीएम मोदी की चिंता और राजनीतिक उथल-पुथल

नेपाल में बढ़ती हिंसा पर पीएम मोदी की प्रतिक्रिया
Nepal protests 2025 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल में जेन-जी आंदोलन के कारण उत्पन्न हो रही हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता पर गहरी चिंता व्यक्त की है। हिमाचल प्रदेश और पंजाब के दौरे के बाद, उन्होंने कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक में नेपाल की स्थिति का मूल्यांकन किया। इसके बाद, उन्होंने नेपाली भाषा में एक संदेश भी "एक्स" (पूर्व ट्विटर) पर साझा किया।
उन्होंने कहा कि नेपाल में हो रही घटनाएं हृदय विदारक हैं और युवा जीवन की हानि से वह अत्यंत दुखी हैं। पीएम मोदी ने शांति की अपील करते हुए कहा कि भारत नेपाल की स्थिरता, शांति और समृद्धि को बहुत महत्व देता है, और भारत नेपाल की जनता के साथ खड़ा है।
आज दिनभरीको भ्रमणबाट फर्किएपछि सुरक्षा सम्बन्धी मन्त्रिपरिषद् समितिको बैठकमा नेपालको घटनाक्रमहरुको बारेमा विस्तृत छलफल भयो । नेपालमा भएको हिंसा हृदयविदारक छ । धेरै युवाहरुले आफ्नो ज्यान गुमाउनु परेकोमा मेरो मन अत्यन्तै विचलित छ । नेपालको स्थिरता, शान्ति र समृद्धि अत्यन्त…
— Narendra Modi (@narendramodi) September 9, 2025
नेपाल में जेन-जी आंदोलन की स्थिति
नेपाल में जेन-जी आंदोलन की आग
नेपाल की राजधानी काठमांडू इस समय राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल का केंद्र बन गई है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अचानक इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद स्थिति और बिगड़ गई। प्रदर्शनकारियों ने संसद, अदालतों और कई नेताओं के निवास स्थानों को आग के हवाले कर दिया।
सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ शुरू हुआ जेन-जी आंदोलन अब भ्रष्टाचार, असमानता और राजनीतिक अहंकार के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई में बदल चुका है। अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है, जिससे लोगों में गुस्सा और भड़क गया है।
नेताओं के घरों पर हमले और सेना की कार्रवाई
नेताओं के घरों पर हमले, सेना को करना पड़ा हस्तक्षेप
प्रदर्शनकारियों ने केवल ओली के निवास पर ही नहीं, बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री झलनाथ खनाल और शेरबहादुर देउबा के घरों पर भी हमला किया। खनाल की पत्नी गंभीर रूप से झुलस गईं और उनकी मृत्यु हो गई। इसके अलावा, पूर्व गृह मंत्री रमेश लेखक और संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग के घरों को भी नुकसान पहुंचाया गया। कई इलाकों में सड़कें टायर जलाकर जाम कर दी गईं और अदालतों में घुसकर जरूरी दस्तावेज जला दिए गए। हालात बेकाबू होते देख नेपाल की सेना को हस्तक्षेप करना पड़ा।
शांति की अपील और सरकार की स्थिति
नेपाल सरकार और सेना की शांति की अपील
प्रधानमंत्री ओली ने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल को अपने इस्तीफे का पत्र भेजते हुए देश में "असाधारण परिस्थितियों" का हवाला दिया। राष्ट्रपति ने जनता से संयम और शांति बनाए रखने की अपील की। वहीं, नेपाल सेना और सुरक्षा एजेंसियों ने भी संयुक्त बयान जारी कर कहा कि बातचीत से ही समाधान निकलेगा और अब और जान-माल का नुकसान नहीं होना चाहिए।
आर्मी चीफ अशोक राज सिगदेल सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि सरकार और प्रदर्शनकारियों को संविधान और लोकतंत्र के दायरे में रहकर हल निकालना चाहिए। यह संकट नेपाल के राजनीतिक तंत्र, जन आक्रोश और प्रशासनिक विफलताओं की गंभीर तस्वीर पेश करता है। भारत सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें अब नेपाल के भविष्य की दिशा पर टिकी हैं।