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नेपाल में राजनीतिक संकट: भारत ने जारी की यात्रा सलाह, PM ओली ने दिया इस्तीफा

नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध और सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन ने गंभीर राजनीतिक संकट को जन्म दिया है। हालात बिगड़ने के बाद भारत ने यात्रा सलाह जारी की है, जबकि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है। इस संकट में 19 लोगों की मौत हो चुकी है और प्रदर्शनकारियों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया है। भारत ने संयम बरतने की अपील की है, जबकि नेपाल में राजनीतिक नेतृत्व में बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जानें इस जटिल स्थिति के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
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नेपाल में राजनीतिक संकट: भारत ने जारी की यात्रा सलाह, PM ओली ने दिया इस्तीफा

नेपाल में बढ़ता राजनीतिक संकट

India Travel Advisory Nepal: नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुआ आंदोलन अब एक गंभीर राजनीतिक संकट में बदल चुका है। सोमवार को हुए हिंसक प्रदर्शनों में 19 लोगों की जान चली गई, जिसके बाद भारत सरकार ने मंगलवार को नेपाल के लिए एक नई यात्रा सलाह (Travel Advisory) जारी की। विदेश मंत्रालय (MEA) ने भारतीय नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे तब तक नेपाल की यात्रा टालें जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती।


MEA की अपील

MEA ने भारतीय नागरिकों से की अपील
विदेश मंत्रालय ने उन भारतीय नागरिकों से भी अपील की है जो पहले से नेपाल में हैं, कि वे अपने घरों में ही रहें और स्थानीय प्रशासन तथा भारतीय दूतावास द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें। इसके साथ ही, किसी भी आपात स्थिति में सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर भी उपलब्ध कराए गए हैं।

•    +977–980 860 2881 (WhatsApp उपलब्ध)
•    +977–981 032 6134 (WhatsApp उपलब्ध)


भारत की संवेदना और संयम की अपील

भारत ने जताई संवेदना, नेपाल से संयम बरतने की अपील
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "हम नेपाल में हो रही घटनाओं पर ध्यान दे रहे हैं। युवाओं की मौत से हमें गहरा दुख हुआ है और हम शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।" भारत, नेपाल का एक करीबी मित्र होने के नाते चाहता है कि सभी पक्ष संयम बरतें और समस्याओं का समाधान शांति से करें।


प्रधानमंत्री ओली का इस्तीफा

प्रधानमंत्री ओली ने बढ़ते दबाव में दिया इस्तीफा
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। 73 वर्षीय ओली ने कहा कि वह "राजनीतिक समाधान को सुगम बनाने" और "संविधान के अनुसार समस्या का समाधान खोजने" के लिए पद छोड़ रहे हैं। राष्ट्रपति कार्यालय ने उनके इस्तीफे को तुरंत स्वीकार कर लिया है और नए प्रधानमंत्री के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
आलो ने की शांति बनाए रखने की अपील
इस्तीफे के बाद नेपाली सेना ने सोशल मीडिया पर आम नागरिकों से संयम बरतने की अपील की है। ओली ने सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई थी और देश में शांति बनाए रखने की अपील की थी। उन्होंने हिंसा के लिए "स्वार्थी तत्वों की घुसपैठ" को जिम्मेदार ठहराया, लेकिन सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी।


दशकों की सबसे भीषण राजनीतिक हिंसा

दशकों की सबसे भीषण राजनीतिक हिंसा
यह संकट नेपाल के पिछले कई दशकों का सबसे बड़ा राजनीतिक असंतोष माना जा रहा है। 'जनरेशन जेड' द्वारा नेतृत्व किए गए इस आंदोलन की शुरुआत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन से हुई थी, लेकिन यह जल्द ही सरकार के खिलाफ एक व्यापक विरोध में बदल गया। सोमवार को हुए प्रदर्शनों में 100 से अधिक लोग घायल हुए और कई सरकारी व निजी संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया गया।
जेन-Z ने किया भारी विरोध प्रदर्शन
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाए, पुलिस पर पत्थर फेंके और कई नेताओं के आवासों को भी आग लगा दी। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, कुछ मंत्रियों को सेना के हेलिकॉप्टर की मदद से सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया, हालांकि इस बात की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो सकी।


हवाई यातायात पर भी पड़ा असर

हवाई यातायात पर भी पड़ा असर
त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को सुरक्षा कारणों से आंशिक रूप से बंद कर दिया गया है। प्रदर्शनकारियों द्वारा लगाए गए आग के चलते फैले धुएं ने रनवे की दृश्यता को काफी प्रभावित किया, जिसके कारण भारत से नेपाल की ओर जाने वाली कई उड़ानें रद्द या डायवर्ट करनी पड़ीं।


भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं का आक्रोश

भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं का आक्रोश
प्रदर्शन में शामिल एक युवा, रोबिन श्रेष्ठा ने रॉयटर्स टीवी से बातचीत में कहा, "हम अपने भविष्य के लिए यहां खड़े हैं। हम एक ऐसा देश चाहते हैं जो भ्रष्टाचार से मुक्त हो, जहां सभी को शिक्षा, स्वास्थ्य और बेहतर जीवन की सुविधाएं मिल सकें।" यह बयान उस गहरे असंतोष को दर्शाता है जो नेपाल के युवा वर्ग में लंबे समय से पनप रहा था.


नेपाल के लिए एक संवेदनशील मोड़

नेपाल के लिए एक संवेदनशील मोड़
नेपाल वर्तमान में एक संवेदनशील मोड़ पर खड़ा है, जहां राजनीतिक नेतृत्व में बदलाव, प्रशासनिक विफलताएं और युवाओं का उग्र आंदोलन एक नई दिशा की मांग कर रहे हैं। भारत ने संयम और संवाद का संदेश दिया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि नेपाल को अब आंतरिक स्थिरता और पारदर्शी शासन के लिए निर्णायक कदम उठाने होंगे.