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नेहा धूपिया: मातृत्व पर समाज की सोच को चुनौती देने वाली आवाज़

नेहा धूपिया ने मातृत्व के मुद्दे पर समाज की सोच को चुनौती दी है। उनकी प्रेग्नेंसी के दौरान ट्रोलिंग का सामना करने के बाद, उन्होंने 'फ्रीडम टू फीड' नामक एक मंच की स्थापना की, जहां मातृत्व से जुड़े मुद्दों पर खुलकर चर्चा होती है। जानें कैसे नेहा ने अपनी व्यक्तिगत जिंदगी को एक सशक्त कहानी में बदला और महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाई।
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नेहा धूपिया का मातृत्व पर विचार

बॉलीवुड में हर कदम पर कैमरे होते हैं, जिससे निजी निर्णय अक्सर सार्वजनिक चर्चा का विषय बन जाते हैं। अभिनेत्री नेहा धूपिया भी इस स्थिति से अछूती नहीं रहीं। उनकी पहली प्रेग्नेंसी के बारे में जितनी बातें हुईं, उतनी शायद उनके करियर की फिल्मों पर नहीं हुईं। लेकिन यह आश्चर्य की बात नहीं है कि उन्हें ट्रोल किया गया। असली सवाल यह है कि क्या मातृत्व का समय चुनने का अधिकार केवल समाज के हाथ में होना चाहिए? “कम से कम मैं नीना और आलिया की लिस्ट में हूं,” नेहा धूपिया इस मुद्दे पर बात करते हुए मुस्कुराती हैं, लेकिन उनकी मुस्कान के पीछे एक लंबी लड़ाई छिपी है।


एक इंटरव्यू में उन्होंने मजाक में कहा, “मुझे अच्छा लगता है कि जब भी इस तरह की बातें होती हैं, लोग मुझे टैग करते हैं। कम से कम मैं आलिया भट्ट और नीना गुप्ता की लिस्ट में हूं।” उनका यह हल्का-फुल्का जवाब वास्तव में एक बड़ा सामाजिक संदेश देता है — एक महिला के निर्णय को उसकी ‘मोरल वैल्यू’ से क्यों जोड़ा जाता है?


नेहा ने बताया कि जब उन्होंने पहली बार अपनी प्रेग्नेंसी की खबर अपने परिवार को दी, तो शादी के लिए उन्हें केवल 72 घंटे का समय मिला। दिल्ली में एक साधारण आनंद कारज हुआ, जिसमें केवल करीबी लोग शामिल हुए। शादी के छह महीने बाद उनकी बेटी मेहर का जन्म हुआ, जिसके बाद सोशल मीडिया पर सवालों की बाढ़ आ गई — “छह महीने में बच्चा कैसे हो गया?”


इन ट्रोल्स के बावजूद, नेहा ने हार नहीं मानी। उन्होंने इसे एक मिशन में बदल दिया। ‘फ्रीडम टू फीड’ नामक मंच की स्थापना की, जहां मातृत्व से जुड़े मुद्दों पर खुलकर चर्चा होती है। उनकी पहल यह संदेश देती है कि प्रेग्नेंसी कोई शर्म का विषय नहीं, बल्कि जीवन का उत्सव है।


नेहा का मानना है कि अब समय आ गया है कि हमें महिलाओं के शरीर, उनके निर्णय और मातृत्व के विषय में चुप्पी तोड़नी होगी। “जब कोई महिला मां बनती है, तो उसे बधाई दी जानी चाहिए, सवाल नहीं,” उनका यही संदेश इस पहल के पीछे है। आज नेहा एक बेटे गुरिक और बेटी मेहर की मां हैं। उनकी व्यक्तिगत जिंदगी भले ही कभी विवादों में रही हो, लेकिन उन्होंने हर बार उसे एक सशक्त कहानी में बदल दिया है। यही उन्हें एक साधारण अभिनेत्री से एक मजबूत आवाज़ बनाता है।