पंकज त्रिपाठी और कोंकणा सेन शर्मा ने इरफान खान की तुलना पर दी प्रतिक्रिया

फिल्म 'मेट्रो… इन डिनो' की चर्चा
Pankaj Tripathi: अनुराग बसु की बहु-कलाकार फिल्म 'मेट्रो… इन डिनो' 4 जुलाई 2025 को रिलीज हुई है और इसे दर्शकों के बीच काफी सराहा जा रहा है। यह फिल्म 2007 में आई 'लाइफ इन ए मेट्रो' का सीक्वल मानी जा रही है, जिसने अपने समय में दर्शकों का दिल जीता था। इस बार पंकज त्रिपाठी और कोंकणा सेन शर्मा की जोड़ी ने खास ध्यान आकर्षित किया है, लेकिन दर्शक और समीक्षक पंकज के किरदार 'मोंटी' की तुलना इरफान खान के किरदार 'मोंटी' से करने से खुद को रोक नहीं पाए। इस तुलना पर पंकज त्रिपाठी और कोंकणा सेन शर्मा ने अपने विचार साझा किए हैं, जिसमें उन्होंने इरफान के योगदान को सम्मान देते हुए इस तुलना को अनुचित बताया।
पंकज त्रिपाठी का बयान
पंकज त्रिपाठी ने एक इंटरव्यू में इस तुलना पर अपनी राय व्यक्त की और दिवंगत अभिनेता इरफान खान के प्रति अपनी गहरी प्रशंसा जाहिर की। उन्होंने कहा, 'यह तुलना बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। वे मेरे सीनियर थे और मैं हमेशा उनका प्रशंसक रहूंगा। वे मेरे ड्रामा स्कूल के सीनियर थे। हम एक ही अभिनय संस्थान से सीखे हैं। मैं हमेशा उनके काम को देखता था। इरफान सर हमारे दिलों में हमेशा रहेंगे।'
कोंकणा सेन शर्मा का समर्थन
कोंकणा सेन शर्मा, जिन्होंने 'लाइफ इन ए मेट्रो' में इरफान खान के साथ 'श्रुति' का किरदार निभाया था और 'मेट्रो… इन डिनो' में पंकज त्रिपाठी के साथ 'काजोल' का किरदार निभा रही हैं, ने भी इस तुलना को खारिज किया। उन्होंने कहा, 'लाइफ इन ए मेट्रो 17-18 साल पहले की बात है। उस समय, इरफान और मैंने श्रुति और मोंटी का किरदार निभाया था। वे युवा जोड़े थे, जिनकी चिंताएं भी युवा थीं। अब, पंकज और मेरे किरदार अलग हैं। वे बड़े, शादीशुदा हैं, जिनके बच्चे और जिम्मेदारियां हैं।'
'मेट्रो… इन डिनो' की कहानी
'मेट्रो… इन डिनो' एक म्यूजिकल रोमांटिक ड्रामा है, जो चार विभिन्न जोड़ियों की कहानियों के इर्द-गिर्द घूमती है। पंकज त्रिपाठी और कोंकणा सेन शर्मा की जोड़ी मोंटी और काजोल के रूप में एक शादीशुदा जोड़े की कहानी पेश करती है, जिनकी 19 साल की शादी में बेवफाई और भावनात्मक दूरी की चुनौतियां आती हैं। पंकज की कॉमिक टाइमिंग और कोंकणा की गहरी संवेदनशीलता ने इस जोड़ी को दर्शकों का पसंदीदा बना दिया है। कई समीक्षकों ने उनकी केमिस्ट्री को फिल्म की सबसे बड़ी ताकत बताया है, जिसमें हास्य और दर्द का संतुलन बखूबी देखने को मिलता है।