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पंजाब की जीरो बिजली बिल योजना: 90% परिवारों को मिली राहत

पंजाब की जीरो बिजली बिल योजना ने 90% परिवारों को वित्तीय राहत प्रदान की है। भगवंत मान की सरकार ने इस योजना के माध्यम से लाखों परिवारों के बिजली बिल को शून्य कर दिया है, जिससे हर महीने लोगों को ₹1500 से ₹2000 की बचत हो रही है। जानें इस योजना की सफलता के पीछे के आंकड़े और इसके सामाजिक प्रभाव के बारे में।
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पंजाब की जीरो बिजली बिल योजना: 90% परिवारों को मिली राहत

पंजाब में जीरो बिजली बिल योजना की सफलता

-90 प्रतिशत परिवार जीरो बिजली बिल का लाभ उठा रहे, पूरा पंजाब हुआ रोशन


चंडीगढ़: पंजाब आज एक ऐसे शासन मॉडल का उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है, जिसने आम नागरिकों के जीवन से एक बड़ा वित्तीय बोझ समाप्त कर दिया है। भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार द्वारा लागू की गई जीरो बिजली बिल की गारंटी केवल एक चुनावी वादा नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है। यह योजना लाखों परिवारों के घरों को सचमुच रोशन कर रही है। पिछली सरकारों के खोखले वादों और महंगी बिजली के युग को पीछे छोड़ते हुए, वर्तमान सरकार ने यह सिद्ध कर दिया है कि यदि नीति और नीयत स्पष्ट हो, तो जनता को सीधी राहत पहुंचाना संभव है। इस योजना की सफलता का सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि आज पंजाब के 90 प्रतिशत परिवार जीरो बिजली बिल का लाभ उठा रहे हैं। यह आंकड़ा राज्य की विशाल जनसंख्या को मिली सीधी राहत को दर्शाता है। अकेले अगस्त-सितंबर 2025 के एक बिलिंग चक्र में 7,387,460 परिवारों के बिजली बिल शून्य आए। यह अभूतपूर्व उपलब्धि दर्शाती है कि सरकार की यह कल्याणकारी योजना समाज के हर वर्ग तक पहुँच रही है, जिससे लोगों को हर महीने ₹1500 से ₹2000 तक की सीधी बचत हो रही है, जिसका उपयोग वे अपने बच्चों की शिक्षा और परिवार की अन्य जरूरतों पर कर रहे हैं।


आँकड़े इस ऐतिहासिक सफलता की कहानी खुद बयां करते हैं। जब से यह योजना जुलाई 2022 में लागू हुई है, तब से लेकर 31 अक्टूबर 2025 तक, पंजाब सरकार ने कुल 113,943,344 (लगभग 11.40 करोड़) जीरो बिजली बिल जारी किए हैं। इसके साथ ही, कुल 134,632,343 (13.46 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं ने सब्सिडी वाली बिजली का लाभ उठाया है। यह विशाल संख्या पिछली सरकारों की विफलताओं पर एक करारा प्रहार है, जो दशकों तक जनता को ऐसी बुनियादी राहत देने में पूरी तरह नाकाम रहीं।


आज जब 90 प्रतिशत पंजाबियों के बिल जीरो आ रहे हैं, तो यह सवाल उठना लाजिमी है कि पिछली सरकारें ऐसा क्यों नहीं कर सकीं? सच तो यह है कि उनमें न तो राजनीतिक इच्छाशक्ति थी और न ही जनता समर्थक नीतियां बनाने का विजन। उनके लिए जनता सिर्फ एक वोट बैंक थी, जिसे चुनावों के समय लॉलीपॉप थमा दिया जाता था। पंजाब के खजाने को लूटने और अपने निजी हितों को साधने में लगी रहीं पिछली सरकारों ने कभी भी आम आदमी के बिजली बिल के बोझ को कम करने की गंभीरता से कोशिश नहीं की। उनकी प्राथमिकता पंजाब नहीं, बल्कि अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करना था।


वर्तमान सरकार का यह कदम रोशन पंजाब मिशन का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। यह मिशन सिर्फ घरों को रोशन करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पंजाब की रीढ़ की हड्डी, यानी अन्नदाता को भी मजबूत कर रहा है। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि पंजाब के 13.50 लाख (साढ़े तेरह लाख) किसानों को खेती के लिए मुफ्त बिजली मिलती रहे। यह कदम किसानों की इनपुट लागत को कम करता है, उनकी आय बढ़ाने में मदद करता है और पंजाब के कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाकर देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करता है। यह पिछली सरकारों के किसान विरोधी रवैये के बिल्कुल विपरीत है।


यह कोई एक बार की राहत नहीं है, बल्कि सरकार की एक सुदृढ़ नीति का परिणाम है, जो हर साल लगातार लोगों तक पहुँच रही है। आँकड़ों पर नजर डालें तो: वित्तीय वर्ष 2023-24 में, कुल 35,959,088 (लगभग 3.60 करोड़) जीरो बिल जारी किए गए। वित्तीय वर्ष 2024-25 में भी यह सिलसिला जारी रहा और 34,577,832 (लगभग 3.46 करोड़) जीरो बिल दिए गए। यह निरंतरता साबित करती है कि सरकार के पास न केवल विजन है, बल्कि उसे धरातल पर उतारने के लिए एक मजबूत वित्तीय प्रबंधन भी है। (Advertorial)