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पंजाब में छात्रों के लिए गुरु तेग बहादुर जी के जीवन पर शैक्षिक कार्यक्रम की शुरुआत

पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने गुरु तेग बहादुर जी के जीवन और शहादत पर एक अनिवार्य शैक्षिक कार्यक्रम की शुरुआत की है। यह कार्यक्रम सभी स्कूलों में लागू होगा और इसका उद्देश्य छात्रों में धार्मिक मूल्यों और मानवता की भावना को विकसित करना है। 30 नवंबर 2025 तक चलने वाले इस कार्यक्रम में विशेष भाषण, कविता पाठ और प्रतियोगिताएं शामिल होंगी। जानें इस पहल के बारे में और कैसे यह युवाओं के चरित्र निर्माण में मदद करेगा।
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पंजाब में छात्रों के लिए गुरु तेग बहादुर जी के जीवन पर शैक्षिक कार्यक्रम की शुरुआत

हरजोत सिंह बैंस का नया शैक्षिक कार्यक्रम


श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन पर शैक्षिक कार्यक्रम की शुरुआत


पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने राज्य के सभी स्कूलों में, चाहे वे सरकारी, प्राइवेट या एडेड हों, एक अनिवार्य शैक्षिक कार्यक्रम की शुरुआत की है। यह कार्यक्रम नौवें पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य छात्रों में सत्य, अधिकार, न्याय और धार्मिक मूल्यों की भावना को विकसित करना है।


कार्यक्रम की शुरुआत रूपनगर से

हरजोत सिंह बैंस ने रूपनगर जिले के सरकारी हाई स्कूल, दसगरां और माउंट कार्मल स्कूल, जिंदवड़ी का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने छात्रों को गुरु जी की शिक्षाओं और उनके महान बलिदान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने सभी डिप्टी कमिश्नरों और वरिष्ठ अधिकारियों से अपील की कि वे स्कूलों में जाकर विद्यार्थियों को प्रेरित करें और गुरु साहिब की विरासत के महत्व के बारे में जागरूक करें।


30 नवंबर तक चलेगा यह अभियान

इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए बैंस ने बताया कि इसे पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा एसजीपीसी से अनुमोदन प्राप्त करके तैयार किया गया है। यह कार्यक्रम 30 नवंबर 2025 तक चलेगा, जिसमें सुबह की सभा में 10 से 12 मिनट के लिए गुरु जी के जीवन और शहादत से संबंधित जानकारी साझा की जाएगी। इसके अलावा, विशेष भाषण, कविता पाठ, भाषण प्रतियोगिताएं और ऐतिहासिक पुस्तकों का वितरण भी किया जाएगा।


युवाओं में उच्च चरित्र निर्माण पर जोर

हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि इस पहल के माध्यम से युवाओं में चरित्र निर्माण और उच्च मानवीय मूल्यों को विकसित करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी की शहादत मानवता और धार्मिक एकता का प्रतीक है, जो सभी समुदायों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। नई पीढ़ी के लिए उनकी बहादुरी और बलिदान की विरासत को समझना और अपनाना अत्यंत आवश्यक है।