पंजाब में नशे के खिलाफ ऐतिहासिक पहल: स्कूलों में शुरू हुआ नशा-विरोधी पाठ्यक्रम

पंजाब में नशे की समस्या का समाधान
पंजाब ड्रग फ्री: पंजाब, जो लंबे समय से नशे की गंभीर समस्या से जूझ रहा है, अब एक नई दिशा में बढ़ रहा है। इस समस्या ने कई परिवारों को प्रभावित किया है, लेकिन अब बदलाव की लहर चल रही है। पंजाब सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत नशे के खिलाफ लड़ाई अब थानों से नहीं, बल्कि स्कूलों की कक्षाओं में लड़ी जाएगी। इस ऐतिहासिक पहल के तहत, राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में एक वैज्ञानिक रूप से तैयार किया गया नशा-विरोधी पाठ्यक्रम लागू किया जा रहा है। 1 अगस्त से 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों को नशे से बचाव के लिए यह पाठ्यक्रम पढ़ाया जा रहा है।
शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण
शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है
मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में चलाए जा रहे 'युद्ध नशियां दे विरुद्ध' अभियान का यह एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका उद्देश्य लगभग 8 लाख छात्रों को नशीले पदार्थों के सेवन से बचाने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करना है। इस पाठ्यक्रम को नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर अभिजीत बनर्जी की टीम और शिक्षा विशेषज्ञों के सहयोग से विकसित किया गया है। 3,658 सरकारी स्कूलों में इसे लागू करने के लिए 6,500 से अधिक शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। इस कार्यक्रम के तहत, छात्रों को 27 हफ्तों तक हर पंद्रहवें दिन 35 मिनट की कक्षाएं दी जाएंगी, जिसमें उन्हें नशे से कैसे बचें, साथियों के दबाव का सामना कैसे करें, और अपने निर्णय खुद लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
इच्छाशक्ति से नशा छोड़ने की क्षमता
इच्छाशक्ति से नशा छोड़ा जा सकता है
यह पहली बार है जब किसी राज्य सरकार ने नशे के खिलाफ इस तरह का ठोस कदम उठाया है। पाठ्यक्रम में छात्रों को केवल पढ़ाई नहीं कराई जाएगी, बल्कि उन्हें फिल्में भी दिखाई जाएंगी, प्रश्नोत्तरी करवाई जाएगी, और इंटरेक्टिव गतिविधियों के माध्यम से उनकी सोच को मजबूत किया जाएगा। छात्रों को यह समझाया जाएगा कि नशा कभी भी 'कूल' नहीं होता, बल्कि यह विनाश की ओर ले जाता है। जब इस पाठ्यक्रम को अमृतसर और तरनतारन के 78 स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाया गया, तो परिणाम चौंकाने वाले थे। 9,600 छात्रों में से 90% ने माना कि एक बार ड्रग लेने से लत लग सकती है। पहले 50% छात्रों का मानना था कि इच्छाशक्ति से नशा छोड़ा जा सकता है, जो अब घटकर 20% रह गया है। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि सही शिक्षा से सोच में बदलाव संभव है।
पंजाब का नया चेहरा
रंगला पंजाब बन कर दुनिया के सामने उभरेगा
पंजाब की यह पहल अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण बन सकती है। 'युद्ध नशियां विरुद्ध' अभियान के तहत, पंजाब पुलिस ने अगस्त 2025 के अंत तक 28,025 से अधिक नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है। अब समय आ गया है जब हर माता-पिता गर्व से कह सकें कि उनका बच्चा नशे से सुरक्षित है, और इस की गारंटी मान सरकार ने दी है।
मान सरकार का यह कदम केवल एक शिक्षा नीति नहीं, बल्कि एक सामाजिक क्रांति है। यह सरकार केवल बातें नहीं करती, बल्कि जमीनी स्तर पर काम करने में विश्वास रखती है। अब वह समय दूर नहीं जब पंजाब 'उड़ता पंजाब' से 'रंगला पंजाब' बनकर दुनिया के सामने आएगा और अपना पुराना गौरव वापस पाएगा। यह कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं, बल्कि मान सरकार द्वारा चलाया गया एक पवित्र मिशन है।