पंजाब में बाढ़ का कहर: 1,300 गाँव जलमग्न, 29 लोगों की मौत
पंजाब में जल संकट की गंभीरता
पंजाब पिछले एक महीने से गंभीर जल संकट का सामना कर रहा है। राज्य में भारी बारिश और रावी, सतलुज, तथा व्यास नदियों के उफान के कारण आधा पंजाब जलमग्न हो गया है। 1,300 गाँव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं, और बारिश व बाढ़ के कारण 29 लोगों की जान चली गई है। हजारों लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं।बाढ़ ने पंजाब को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे फसलें भी बर्बाद हो गई हैं। कई घरों में पानी भर गया है, जिसके कारण लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है।
अमृतसर और अन्य प्रभावित जिले
अमृतसर जिला बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है, जहां 35,000 लोग बेघर हो गए हैं। इसके बाद फिरोज़पुर में 24,015 लोग राहत शिविरों में जाने को मजबूर हुए हैं। फाजिल्का में 21,562, पठानकोट में 15,053, गुरदासपुर में 14,500, होशियारपुर में 1,152, एसएएस नगर में 7,000, कपूरथला में 5,650, मोगा में 800, जालंधर में 653, मानसा में 163 और बरनाला में 59 लोग प्रभावित हुए हैं।
मौतों का आंकड़ा
राज्य सरकार के अनुसार, बारिश से सबसे अधिक 6 मौतें पठानकोट जिले में हुई हैं। इसके अलावा अमृतसर, बरनाला, होशियारपुर, लुधियाना, मानसा और रूपनगर में 3-3 लोगों की जान गई है। पठानकोट में 3 लोग लापता भी हैं।
बाढ़ से प्रभावित गाँव
पंजाब के 1,300 गाँव बाढ़ से प्रभावित हैं, जिनमें सबसे अधिक 321 गाँव गुरदासपुर जिले में हैं। अमृतसर के 88, बरनाला के 24, फाज़िल्का के 72, फिरोज़पुर के 76, होशियारपुर के 94, जालंधर के 55, कपूरथला के 115, मानसा के 77, मोगा के 39 और पठानकोट के 82 गाँव भी बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ के कारण 2,56,000 लोग विस्थापित हुए हैं।
शिक्षण संस्थानों की छुट्टी
चंडीगढ़ और पंजाब में बाढ़ के कारण स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी की घोषणा की गई है। राज्य सरकार ने 3 सितंबर तक सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया है।