Newzfatafatlogo

पंजाब में बाढ़ के बाद की स्थिति पर हरजोत सिंह बैंस की गंभीर टिप्पणी

पंजाब में हाल ही में आई विनाशकारी बाढ़ के बाद, शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बाढ़ के प्रभावों, जिसमें 59 लोगों की मृत्यु और कृषि क्षेत्र को भारी नुकसान शामिल है, पर चर्चा की। बैंस ने केंद्र सरकार से तत्काल सहायता की अपील की और भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए ठोस रणनीति बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने विपक्ष से भी आग्रह किया कि वे राजनीतिक स्वार्थों से ऊपर उठकर जनता की भलाई को प्राथमिकता दें।
 | 
पंजाब में बाढ़ के बाद की स्थिति पर हरजोत सिंह बैंस की गंभीर टिप्पणी

पंजाब में बाढ़ के प्रभावों पर चर्चा

चंडीगढ़- हाल ही में पंजाब में आई विनाशकारी बाढ़ के मद्देनजर, राज्य के शिक्षा एवं सूचना मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि यह समय राजनीतिक बयानबाजी का नहीं है। उन्होंने भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्वास के लिए ठोस रणनीति बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।


पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में बोलते हुए, बैंस ने विपक्ष से आग्रह किया कि वे संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थों से ऊपर उठकर जनता की भलाई को प्राथमिकता दें। उन्होंने बाढ़ के गंभीर परिणामों का उल्लेख किया, जिसमें 59 लोगों की मृत्यु, घरों का नाश, हजारों पशुओं की हानि और कृषि क्षेत्र को भारी नुकसान शामिल है। उन्होंने कहा कि असल नुकसान इससे भी अधिक है, क्योंकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सांप के काटने और संपर्क टूटने के कारण भी कई जानें गईं।


शिक्षा मंत्री ने बताया कि सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को भी गंभीर क्षति पहुँची है, जिसमें 3,200 से अधिक स्कूल प्रभावित हुए हैं और 1,300 से अधिक कक्षाएँ अब उपयोग योग्य नहीं हैं।


उन्होंने कहा, “पाँच लाख एकड़ फसल बर्बाद हो गई है। पंजाब की अर्थव्यवस्था पर इसका गहरा असर पड़ा है। पहले जो महिलाएँ अपने घरों में गंदगी नहीं सहन करती थीं, उनके आँगन अब कीचड़ से भरे हुए हैं।”


बैंस ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बी.बी.एम.बी.) पर भी सवाल उठाए, विशेषकर बोर्ड के चेयरमैन द्वारा हाईकोर्ट में दिए गए भ्रामक बयानों का उल्लेख किया। उन्होंने केंद्रीय जल आयोग की 24 अप्रैल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पंजाब के जलाशयों में पानी की मात्रा सामान्य से काफी कम थी।


उन्होंने आरोप लगाया कि भाखड़ा डैम में पानी की गंभीर कमी के बावजूद, बी.बी.एम.बी. ने पंजाब के हिस्से का पानी हरियाणा की ओर मोड़ने का प्रयास किया, जिससे पावर हाउस बंद होने का खतरा उत्पन्न हुआ।


गोबिंद सागर जल भंडार के बारे में गंभीर सवाल उठाते हुए, बैंस ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि बी.बी.एम.बी. भाखड़ा डैम के जल भंडार में गाद की मात्रा के बारे में जानकारी नहीं दे सका। उन्होंने विशेषज्ञों की एक समिति बनाने की मांग की ताकि जलाशय की क्षमता और संरचनात्मक स्थिति का मूल्यांकन किया जा सके।


शिक्षा मंत्री ने अचानक आने वाले पानी के बहाव को कम करने के लिए डैमों के कैचमेंट क्षेत्रों में छोटे चेक डैम बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बी.बी.एम.बी. ने पहले भी इस उपाय की सिफारिश की थी, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया।


बैंस ने कहा, “10 दिन हो गए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान को प्रधानमंत्री से मिलने का कोई संदेश नहीं मिला। यह केंद्र के लिए पंजाब के दर्द को समझने का समय है।” उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि वह बाढ़ प्रभावित पंजाब को तुरंत सहायता प्रदान करे।


उन्होंने अपने कैबिनेट सहयोगी हरदीप सिंह मुंडियां के प्रति प्रधानमंत्री के व्यवहार पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जब मुंडियां मदद की गुहार लगा रहे थे, तो प्रधानमंत्री ने उनकी आवाज दबाने की कोशिश की।


बैंस ने कहा कि पंजाब वर्षों से घावों की पीड़ा सहता आ रहा है और आज फिर वे घाव हरे हो रहे हैं। इस कठिन समय में, उन्होंने स्वयंसेवकों और नागरिकों की सराहना की, जिन्होंने एक-दूसरे का साथ दिया और पंजाब को फिर से खड़ा करने की कोशिश की।