पंजाबी भाषा ओलंपियाड: मातृभाषा और संस्कृति का उत्सव

पंजाब सरकार की नई पहल
जैसे-जैसे समय बदल रहा है, विदेशों में पली-बढ़ी नई पीढ़ी अपनी जड़ों से दूर होती जा रही है। इस स्थिति को देखते हुए, पंजाब सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। अंतरराष्ट्रीय पंजाबी भाषा ओलंपियाड का उद्देश्य केवल प्रतियोगिता आयोजित करना नहीं है, बल्कि बच्चों को उनकी मातृभाषा और सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ना भी है।
भाषा और पहचान का उत्सव
पंजाबी भाषा केवल पंजाब तक सीमित नहीं है; यह लाखों प्रवासी पंजाबी लोगों की पहचान का प्रतीक है। अंतरराष्ट्रीय पंजाबी भाषा ओलंपियाड बच्चों को उनके साहित्य, इतिहास और संस्कृति से अवगत कराता है। जब बच्चे अपनी बोली में सही उत्तर देते हैं और पुरस्कार जीतते हैं, तो यह केवल एक प्रतियोगिता की जीत नहीं, बल्कि अपनी पहचान पर गर्व का अनुभव भी होता है।
सरकार की दूरदर्शिता
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस पहल को अपनी संस्कृति के प्रति प्रतिबद्धता के रूप में देखा है। उनके नेतृत्व में, ओलंपियाड केवल भाषा के संरक्षण का माध्यम नहीं है, बल्कि यह भावनात्मक और सांस्कृतिक सेतु भी बन रहा है। विदेशों में रहने वाले बच्चे अपनी मातृभाषा से जुड़े रहते हैं, जिससे उन्हें गर्व और आत्म-सम्मान की भावना मिलती है।
ओलंपियाड का आयोजन और विस्तार
पंजाबी भाषा ओलंपियाड हर साल PSEB और पंजाब सरकार द्वारा आयोजित किया जाता है। पहला ओलंपियाड 9-10 दिसंबर 2023 को ऑनलाइन हुआ, जबकि दूसरा 7-8 दिसंबर 2024 को आयोजित होगा। तीसरे ओलंपियाड के लिए रजिस्ट्रेशन 2025 में शुरू हो चुका है। यह प्रतियोगिता कक्षा 3 से 12 तक के छात्रों के लिए है और दुनियाभर के पंजाबी बच्चों को भाग लेने का अवसर देती है। ओलंपियाड में 50 वस्तुनिष्ठ प्रश्न होते हैं, जिन्हें 40 मिनट में हल करना होता है।
प्रतियोगिता के पुरस्कार और प्रोत्साहन
पंजाबी बच्चों के लिए पुरस्कार राशि भी निर्धारित की गई है। पंजाब के छात्रों के लिए पहले पुरस्कार की राशि 11,000 रुपए, दूसरे की 7,100 रुपए और तीसरे की 5,100 रुपए है। यह न केवल भाषा सीखने के लिए प्रोत्साहन है, बल्कि बच्चों में अपनी विरासत और पहचान के प्रति गर्व की भावना भी पैदा करता है।
भाषा संरक्षण का संदेश
ओलंपियाड यह संदेश देता है कि भाषा केवल शब्दों का संग्रह नहीं है, बल्कि यह हमारी भावनाओं, संस्कृति और पहचान का प्रतीक है। मान सरकार ने यह पहल वैश्वीकरण के दौर में भाषाई संरक्षण और पहचान को बनाए रखने के लिए उठाई है। इस माध्यम से पंजाबी भाषा को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा मिल रहा है और नई पीढ़ी अपनी जड़ों से जुड़ी हुई महसूस कर रही है।
भविष्य और निरंतर प्रयास
भविष्य में पंजाब सरकार इस ओलंपियाड को और बड़े स्तर पर आयोजित करने की योजना बना रही है। स्कूलों में पंजाबी को अनिवार्य विषय बनाने और साइनबोर्ड पर पंजाबी को प्राथमिकता देने जैसे कदमों के माध्यम से सरकार अपनी संस्कृति और मातृभाषा के प्रति गहरी प्रतिबद्धता दिखा रही है। यह पहल हर पंजाबी को अपनी पहचान और विरासत पर गर्व महसूस कराने में मदद कर रही है और भाषा को जीवित रखने के लिए प्रेरित कर रही है।