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पाकिस्तान हॉकी टीम के खिलाड़ियों ने बोर्ड के खिलाफ खोला मोर्चा

पाकिस्तान की पुरुष हॉकी टीम के खिलाड़ियों ने अपने बोर्ड के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, आरोप लगाते हुए कि उन्हें वादा की गई राशि से कम भुगतान किया गया है। खिलाड़ियों ने अगले महीने होने वाली एफआईएच प्रो लीग में खेलने से इनकार कर दिया है। इस विवाद के कारण टीम की स्थिति गंभीर हो गई है, खासकर जब वे पहले ही अर्जेंटीना में चार मैच हार चुके हैं। यदि यह मामला जल्दी सुलझा नहीं, तो पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ सकता है।
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पाकिस्तान हॉकी टीम के खिलाड़ियों ने बोर्ड के खिलाफ खोला मोर्चा

पाकिस्तान में खेलों की स्थिति

कराची: आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में खेलों की स्थिति भी चिंताजनक हो गई है। पाकिस्तान की पुरुष हॉकी टीम के खिलाड़ियों ने अपने ही बोर्ड के खिलाफ आवाज उठाई है। खिलाड़ियों ने पाकिस्तान हॉकी फेडरेशन (PHF) पर 'धोखाधड़ी' का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि बोर्ड ने उन्हें जो राशि देने का वादा किया था, वह काफी कम है। इस धोखे के कारण खिलाड़ियों ने अगले साल फरवरी में होने वाली एफआईएच (FIH) प्रो लीग के दूसरे चरण में खेलने से मना कर दिया है।


विवाद का कारण

इस विवाद की जड़ दैनिक भत्ता (Daily Allowance) है। टीम के एक सीनियर खिलाड़ी ने बताया कि पाकिस्तान हॉकी बोर्ड ने आश्वासन दिया था कि अर्जेंटीना में आयोजित प्रो लीग प्रतियोगिता के दौरान हर खिलाड़ी को प्रतिदिन 30,000 पाकिस्तानी रुपये (PKR) यानी लगभग 9,625 भारतीय रुपये दिए जाएंगे।


भुगतान में कमी

हालांकि, जब भुगतान का समय आया, तो खिलाड़ियों को केवल 11,000 PKR (लगभग 3,529 भारतीय रुपये) ही मिले। खिलाड़ियों ने इसे विश्वासघात करार दिया है।


बोर्ड की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान हॉकी फेडरेशन (PHF) ने अपनी गलती मानने के बजाय हाथ खड़े कर दिए हैं। PHF के सचिव राणा मुजाहिद ने कहा कि नीति के अनुसार खिलाड़ियों को 30,000 रुपये मिलने चाहिए थे, लेकिन उन्होंने यह भी बताया कि प्रो लीग प्रतियोगिता के खर्च का सारा बोझ पाकिस्तान स्पोर्ट्स बोर्ड (PSB) उठा रहा है, इसलिए फंड जारी करने में उनका कोई नियंत्रण नहीं है।


टीम का प्रदर्शन और भविष्य

पाकिस्तानी टीम का प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा है। अर्जेंटीना दौरे पर टीम ने चारों मैच हार गए। अब फरवरी में ऑस्ट्रेलिया में चार मैच खेलने हैं। खिलाड़ियों की इस हड़ताल ने पाकिस्तान की स्थिति को गंभीर बना दिया है। यदि यह विवाद जल्दी सुलझा नहीं, तो पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ सकता है और टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे से बाहर हो सकती है।