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पाकिस्तानी कलाकारों की सोशल मीडिया उपस्थिति पर बैन की मांग

अखिल भारतीय सिने वर्कर्स एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पाकिस्तानी कलाकारों की सोशल मीडिया गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। एसोसिएशन का कहना है कि इन कलाकारों की डिजिटल उपस्थिति भारत की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकती है, खासकर जब दोनों देशों के बीच तनाव है। हाल ही में मावरा होकेन का इंस्टाग्राम अकाउंट फिर से सक्रिय होने के बाद यह मुद्दा गरमाया है। जानें इस विवाद पर क्या हो रहा है और सोशल मीडिया पर इस पर क्या बहस चल रही है।
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पाकिस्तानी कलाकारों की सोशल मीडिया उपस्थिति पर बैन की मांग

पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन की मांग

पाकिस्तानी कलाकारों: अखिल भारतीय सिने वर्कर्स एसोसिएशन (AICWA) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजकर पाकिस्तानी कलाकारों की सोशल मीडिया गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की अपील की है। एसोसिएशन ने भारत में पाकिस्तानी कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट्स के फिर से सक्रिय होने पर कड़ी आपत्ति जताई है। हाल ही में पहलगाम हमले के बाद बैन की गई पाकिस्तानी अभिनेत्री मावरा होकेन का इंस्टाग्राम अकाउंट भारत में फिर से दिखाई देने लगा, जिससे यह मुद्दा गरमाया।


क्या फिर लगेगा बैन?


AICWA ने अपने पत्र में कहा कि पाकिस्तानी कलाकारों की डिजिटल उपस्थिति भारत की सुरक्षा और भावनाओं के लिए खतरा बन सकती है। संगठन ने यह तर्क दिया कि जब दोनों देशों के बीच तनाव है, तब इन कलाकारों की सोशल मीडिया गतिविधियों से गलत संदेश जा सकता है। एसोसिएशन ने सरकार से अनुरोध किया कि इन अकाउंट्स पर तुरंत और स्थायी प्रतिबंध लगाया जाए ताकि भारतीय दर्शकों पर उनका प्रभाव रोका जा सके।





पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानी कलाकारों की गतिविधियों और उनकी डिजिटल उपस्थिति पर सख्ती से कार्रवाई की थी। कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने इन कलाकारों के अकाउंट्स को भारत में ब्लॉक कर दिया था। हालाँकि, हाल ही में कुछ अकाउंट्स के फिर से सक्रिय होने से सिने उद्योग और दर्शकों में नाराजगी देखी जा रही है। AICWA ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हुए कहा कि यह कदम देश की संप्रभुता और नागरिकों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए आवश्यक है।


सोशल मीडिया पर बहस


संगठन ने यह भी मांग की कि भविष्य में ऐसी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सख्त नियम बनाए जाएं। AICWA के अध्यक्ष ने कहा, 'हमारी मांग केवल सांस्कृतिक और भावनात्मक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय हित में भी है।' इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ी हुई है, जहाँ कुछ लोग प्रतिबंध का समर्थन कर रहे हैं, जबकि कुछ इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हमला मानते हैं। सरकार की ओर से इस पत्र पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह मुद्दा मनोरंजन और राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।