पूजा बेदी का करियर: शादी के कारण छोड़ी फिल्म इंडस्ट्री
पूजा बेदी की फिल्मी यात्रा
90 के दशक की चर्चित और आत्मविश्वासी अभिनेत्री पूजा बेदी आज भी जब पर्दे पर नजर आती हैं, तो दर्शकों को 'जो जीता वही सिकंदर' की देविका याद आ जाती है। मात्र 21-22 वर्ष की आयु में वह एकाएक स्टार बन गई थीं। 'विशकन्या', 'जो जीता वही सिकंदर', 'लव', और 'फिर तेरी कहानी याद आई' जैसी फिल्मों ने उन्हें दर्शकों का प्रिय बना दिया। उन्हें इंडियन मर्लिन मुनरो भी कहा जाने लगा। लेकिन अचानक, अपने करियर के चरम पर, पूजा ने बॉलीवुड को अलविदा कह दिया।
फिल्में छोड़ने का कारण
कई वर्षों बाद, पूजा ने अपने इस निर्णय की असली वजह साझा की है। हाल ही में एक पॉडकास्ट में उन्होंने अपनी जिंदगी के कई अनकहे किस्से सुनाए। जब उनसे पूछा गया कि करियर के सुनहरे दौर में उन्होंने फिल्में क्यों छोड़ीं, तो पूजा ने स्पष्टता से कहा, 'मैंने एक कट्टर मुस्लिम परिवार में शादी की थी। मेरे पति फरहान फर्नीचरवाला का परिवार बहुत रूढ़िवादी था। मेरी बोल्ड छवि, फिल्मों के दृश्य, कपड़े और डांस उनके लिए स्वीकार करना कठिन था। मैं नहीं चाहती थी कि मेरे कारण मेरे पति और उनके परिवार में रोज झगड़े हों।'
शादी और परिवार का महत्व
पूजा ने बताया कि उस समय वह केवल 24-25 वर्ष की थीं और प्यार में पूरी तरह डूबी हुई थीं। उन्होंने सोचा कि शादी और परिवार अधिक महत्वपूर्ण हैं, इसलिए उन्होंने अभिनय छोड़कर गृहस्थी संभालने का निर्णय लिया। उनके दो बच्चे आलिया और उमर भी हुए। लेकिन दुख की बात यह है कि उनकी शादी केवल 9 वर्षों तक चली। 32 वर्ष की आयु में उन्हें तलाक मिला और वह अकेली रह गईं। सबसे दुखद यह था कि उन्हें कोई गुजारा भत्ता भी नहीं मिला।
तलाक के बाद की जिंदगी
पूजा ने हंसते हुए कहा, '32 वर्ष की उम्र में मेरे पास दो छोटे बच्चे थे, कोई आय का स्रोत नहीं था, कोई गुजारा भत्ता नहीं था, और करियर भी बीच में छूट चुका था। लेकिन मैं टूटी नहीं, मैंने फिर से जिंदगी की शुरुआत की। मैंने कॉलम लिखना शुरू किया, टीवी शो किए, व्यवसाय शुरू किया और अपने बच्चों को बेहतरीन शिक्षा दी।'
