प्रधानमंत्री मोदी की मालदीव यात्रा: स्वतंत्रता दिवस समारोह में भागीदारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लिया, जो द्विपक्षीय संबंधों में सुधार का संकेत है। इस अवसर पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी शुभकामनाएँ दीं। मोदी ने उपराष्ट्रपति उज़. हुसैन मोहम्मद लतीफ़ के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। यह समारोह भारत और मालदीव के बीच 60 वर्षों के राजनयिक संबंधों का जश्न मनाने का भी अवसर था।
Jul 26, 2025, 14:05 IST
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मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में मोदी की उपस्थिति
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। यह द्वीप राष्ट्र अपनी स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ को राजधानी माले में एक भव्य समारोह के माध्यम से मना रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति, महीनों के कूटनीतिक तनाव के बाद, भारत और मालदीव के बीच संबंधों में आए सकारात्मक बदलाव को दर्शाती है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने दी शुभकामनाएँ
विदेश मंत्री जयशंकर ने दी शुभकामनाएँ
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मालदीव की जनता और सरकार को उनके 60वें स्वतंत्रता दिवस पर बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक संदेश साझा करते हुए कहा कि यह उनके लिए सौभाग्य की बात है कि वे प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस समारोह में शामिल हुए। उन्होंने दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 60 वर्ष पूरे होने का भी जश्न मनाने की बात की और हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए साझेदारी को मजबूत करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
प्रधानमंत्री मोदी की उपराष्ट्रपति से मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव के उपराष्ट्रपति से मुलाकात की
समारोह के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव के उपराष्ट्रपति उज़. हुसैन मोहम्मद लतीफ़ के साथ बैठक की। दोनों नेताओं ने बुनियादी ढाँचे, प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के अवसरों पर चर्चा की। बैठक के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया कि उनकी उपराष्ट्रपति के साथ बैठक बहुत अच्छी रही और चर्चा भारत-मालदीव मित्रता के प्रमुख स्तंभों पर केंद्रित रही।
भारत और मालदीव के संबंध
भारत और मालदीव के संबंध
भारत और मालदीव के बीच गहरे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक संबंध हैं। हालाँकि, हाल के राजनीतिक परिवर्तनों और क्षेत्र में विदेशी प्रभाव के कारण संबंधों को चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। स्वतंत्रता दिवस समारोह में प्रधानमंत्री मोदी की भागीदारी द्विपक्षीय संबंधों को पुनर्स्थापित करने और सुदृढ़ करने के नए प्रयासों का संकेत है। दोनों देश राजनयिक संबंधों के 60 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, जिससे क्षेत्रीय शांति और सहयोग के प्रति प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि होती है।