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प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद में भारतीय प्रवासियों को बिहार दिवस का निमंत्रण दिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिनिदाद में भारतीय प्रवासी समुदाय को संबोधित करते हुए बिहार की समृद्ध विरासत की सराहना की। उन्होंने बिहारी प्रवासियों को 2025 में 'बिहार दिवस' समारोह में अपने पैतृक स्थान की यात्रा करने का निमंत्रण दिया। मोदी ने बिहार के गौरवमयी अतीत, गिरमिटिया श्रमिकों के संघर्ष और भारत के विकास की यात्रा पर प्रकाश डाला। यह संदेश प्रवासी भारतीयों के लिए एक भावुक अपील है, जिसमें उन्हें अपनी जड़ों से जुड़ने और भारत के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित किया गया है।
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प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद में भारतीय प्रवासियों को बिहार दिवस का निमंत्रण दिया

प्रधानमंत्री का प्रवासी भारतीयों के प्रति संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय प्रवासी समुदाय को संबोधित करते हुए बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर की प्रशंसा की। उन्होंने विशेष रूप से बिहारी प्रवासियों को 2025 में 'बिहार दिवस' समारोह में अपने पैतृक स्थान की यात्रा करने का आमंत्रण दिया।

अपने भाषण में, पीएम मोदी ने बिहार के गौरवमयी अतीत का उल्लेख करते हुए कहा कि यह केवल एक राज्य नहीं है, बल्कि लोकतंत्र की जननी है। यह वही भूमि है जहाँ भगवान बुद्ध और भगवान महावीर ने ज्ञान और अहिंसा का संदेश फैलाया। चाणक्य जैसे महान विचारक भी यहीं से निकले, और मगध साम्राज्य ने भारत को विश्व में एक पहचान दिलाई। उन्होंने यह भी बताया कि बिहार ने ज्ञान, त्याग और दृढ़ संकल्प की एक ऐसी परंपरा विकसित की है, जो आज भी भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है।

मोदी ने उन 'गिरमिटिया' श्रमिकों के बलिदान को भी याद किया, जो बेहतर जीवन की तलाश में भारत से त्रिनिदाद जैसे देशों में आए थे। उन्होंने कहा कि इन श्रमिकों ने कठिनाइयों के बावजूद अपनी संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखा और उन्हें नई भूमि पर विकसित होते देखा। यह उनके साहस और भारत से गहरे संबंध का प्रतीक है। उन्होंने कहा, "आप सभी ने अपने पूर्वजों की विरासत को गर्व से संभाला है, जो दर्शाता है कि आप अपनी जड़ों से कितने गहरे जुड़े हुए हैं।"

प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों को बताया कि आज भारत एक नए आत्मविश्वास के साथ वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना रहा है। उन्होंने कहा कि यह नया भारत अपने गौरवमयी अतीत को अपनाता है और भविष्य के लिए बड़ी आकांक्षाएं रखता है। उन्होंने प्रवासी भारतीयों से आग्रह किया कि वे भारत की विकास यात्रा में योगदान देते रहें और दोनों देशों के बीच एक मजबूत सांस्कृतिक संबंध स्थापित करें।

मोदी ने 2025 में होने वाले 'बिहार दिवस' समारोह का विशेष उल्लेख किया और बिहारी मूल के लोगों से भावुक अपील की कि वे इस अवसर पर अपने पूर्वजों की भूमि पर आएं, वहाँ की मिट्टी को नमन करें, और अपनी जड़ों से एक बार फिर जुड़ाव महसूस करें। उन्होंने कहा कि यह यात्रा न केवल उन्हें अपने अतीत से जोड़ेगी, बल्कि उन्हें नए भारत के विकास को भी करीब से देखने का अवसर देगी।